ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में आयोजित की गई समीक्षा बैठक।
जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा। प्रदूषण की रोकथाम को लेकर ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में आयोजित समीक्षा बैठक में विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों की अनुपस्थिति पर प्रिंसिपल सेक्रेट्री अनिल कुमार ने कड़ी नाराजगी जताई गई। अगली समीक्षा मेरठ में होगी, जहां सभी विभागों के अधिकारियों को अनिवार्य रूप से उपस्थित रहने के सख्त निर्देश दिए गए। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
प्रदूषण हॉटस्पॉट कम करने पर विशेष बल दिया गया और इनकी दिशा में कारगर कदम उठाने की जरूरत पर जोर दिया गया। बैठक में नोएडा से नवंबर 2026 तक 1.85 लाख से अधिक पुराने वाहनों को बाहर करने की योजना पर चर्चा हुई। दिल्ली में बीएस-4 के कम वर्ग के वाहनों पर पाबंदी लगाई जाएगी।
डीसीपी ट्रैफिक नोएडा ने 1 नवंबर से 6 नवंबर 2025 तक 9719 प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों के खिलाफ कार्रवाई की जानकारी दी। खुर्जा में एक्यूआई में 42 प्रतिशत की बढ़ोतरी पर प्रमुख सचिव नाराजगी व्यक्त की गई, जबकि बुलंदशहर में विभागीय अधिकारियों के कामकाज में तालमेल की कमी उजागर हुई।
प्रभावी डस्ट प्रबंधन से घटेगा प्रदूषण
जेवर विधायक धीरेंद्र सिंह ने गांवों में प्रदूषण, सफाई की कमी और गांवों को हॉटस्पॉट में शामिल न करने पर असंतोष जताया। उन्होंने कहा कि जेवर में विश्व का सबसे बड़ा एयरपोर्ट बन रहा है, यदि डस्ट प्रबंधन प्रभावी हो तो 50 प्रतिशत प्रदूषण पर अंकुश लग सकता है।
बैठक में राज्य मंत्री डा अरुण कुमार सक्सेना सभी विभागों से समन्वय बढ़ाने और तत्काल कदम उठाने के निर्देश दिए गए, ताकि क्षेत्र में वायु गुणवत्ता सुधर सके। इस मौके गौतमबुद्धनगर, बुलंदशहर, हापुड़ और गाजियाबाद के तमाम आलाधिकारी मौजूद रहे। गौतमबुद्ध नगर जिले में डस्ट मैनेजमेंट के लिए 20 वाटर स्प्रिंकलर, 224 एंटी-स्मॉग गन और 94 एमआरएसएमएस मशीनें तैनात की गई हैं, जबकि गाजियाबाद में 14 वाटर स्प्रिंकलर, 41 एंटी-स्मॉग गन और 107 एमआरएसएमएस मशीनें लगाई गई हैं। प्रदूषण हॉटस्पॉट की बात करें तो गाजियाबाद में 5, हापुड़ में 2, गौतमबुद्ध नगर में 7 और बुलंदशहर में 5 हॉटस्पॉट चिह्नित किए गए हैं। |