बलिया सहित पूर्वांचल के जिलों में पर्यावरण संरक्षण के लिए वन विभाग को मिले 31 लाख।
जागरण संवाददाता, बलिया। पर्यावरण संरक्षण और इसके प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए सरकार की ओर से बड़ा कदम उठाया गया है। बलिया सहित पूर्वांचल के 10 जिलों के लिए शासन स्तर से 31 लाख रुपये बजट जारी किया गया है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
इसका उपयोग नदी संरक्षण, वायु व ध्वनि प्रदूषण नियंत्रण, अपशिष्ट प्रबंधन और पर्यावरणीय विकास से जुड़े जागरूकता कार्यक्रमों पर किया जाएगा। कार्यक्रमों के क्रियान्वयन की जिम्मेदारी संबंधित जिले के डीएफओ को दी गई है।
साथ ही इसकी समीक्षा जिलाधिकारी करेंगे। दूषित हो रहे पर्यावरण को लेकर भारत ही नहीं पूरा विश्व चिंतित है। पर्यावरण को संरक्षित करने के लिए पौधाराेपण सहित अन्य कई तरीके अपनाए जा रहे हैं।
किस जिले को कितनी राशि
शासन की ओर से सर्वाधिक चार लाख 22 हजार रुपये वाराणसी को दिए गए हैं। इसके अलावा चंदौली, मीरजापुर, गाजीपुर, जौनपुर, भदोही और बलिया को क्रमश: तीन लाख 25 हजार, आजमगढ़ को तीन लाख 13 हजार, मऊ को दो लाख 94 हजार और सोनभद्र को एक लाख 88 हजार रुपये आवंटित किए गए हैं।dumka-durga-puja,Maluti Durga Puja,Nav Patrika worship,Dumka Durga Puja,Shikaripara Durga Puja,Durga Puja tradition,Bengal Durga Puja,Kumudvaran Rai,Prabodh Bhattacharya,Bodan Pujan,Maha Saptami,Jharkhand news
संस्थाओं को भी मिलेगा सहयोग
शिक्षण संस्थानों, विश्वविद्यालयों और पंजीकृत स्वयंसेवी संस्थाओं को भी इन कार्यक्रमों के लिए सहयोग दिया जाएगा। प्रत्येक संस्था को अधिकतम 10 हजार रुपये तक की वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। प्रस्तावों का चयन जिला स्तरीय समिति करेगी।
शहरी क्षेत्रों में वायु प्रदूषण, प्लास्टिक प्रदूषण और ठोस व जैव अपशिष्ट प्रबंधन पर जोर रहेगा। वहीं, ग्रामीण क्षेत्रों में कीटनाशक, रासायनिक उर्वरकों का दुष्प्रभाव, तालाबों और वृक्षों के महत्व पर आधारित कार्यक्रम चलाए जाएंगे।
जागरूकता कार्यक्रमों की रूपरेखा
नदी संरक्षण: गंगा और उसकी सहायक नदियों में प्रदूषण रोकने के लिए बुकलेट, पोस्टर, स्टीकर व पंपलेट का वितरण, घाटों और मेलों में प्रचार सामग्री, बसों पर स्वच्छ गंगा पैनल और स्कूली बच्चों की पोस्टर-भाषण-नाट्य प्रतियोगिता के अलावा तहसील, विकासखंड, सरकारी कार्यालयों और स्वास्थ्य केंद्रों पर दीवार लेखन कराया जाएएगा। इसके साथ ही पर्यावरणीय विकास, अपघटित क्षेत्रों और पार्कों का सुधार व हरित विकास भी शामिल है।
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