बीरभान सिंह, मैनपुरी। आगामी जिला पंचायत के चुनाव को धुरी बनाकर बसपा 2027 के विधानसभा चुनाव की राह आसान बनाने में जुट गई है। कैडर वोट बैंक के प्रति पूरी तरह से आश्वस्त पार्टी का पूरा जोर मुस्लिम और अनुसूचित जाति के मतदाताओं तक पहुंचने पर है। यही कारण है कि बसपा प्रमुख मायावती ने भाईचारा कमेटियों को सक्रिय कर दिया है। आगरा मंडल में फिलहाल मुस्लिम और अनुसूचित जाति की भाईचारा कमेटी के मंडल अध्यक्ष बनाए हैं। अब ये जिले में पहुंचकर जातीय समीकरणों के आधार पर पार्टी को विस्तार देंगे। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
मुस्लिम व अनुसूचित जाति के मतदाताओं तक पहुंच का लक्ष्य
हर राजनीतिक दल लखनऊ की कुर्सी तक पहुंचने के लिए अपना मार्ग तैयार कर रहा है। बसपा ने इसके लिए एक बार फिर से जातीय कार्ड खेला है। बसपा जिलाध्यक्ष मनीष सागर का कहना है कि आगरा मंडल में मुस्लिम एवं अनुसूचित जाति की भाईचारा कमेटी सक्रिय कर दी है।
भाईचारा कमेटियों के पुनर्गठन संग दोनों समाज के लिए बनाए मंडल अध्यक्ष
अरमान अली को मुस्लिम भाईचारा कमेटी और रूप सिंह नौनेरिया को अनुसूचित जाति भाईचारा कमेटी का मंडल अध्यक्ष बनाया गया है। मैनपुरी में अनुसूचित जाति से डा. गिरीश चंद्र माथुर को जिम्मेदारी दी गई है। विधानसभा स्तर पर गठित कमेटियां समाज के लोगों के बीच पहुंचकर बसपा की नीतियों को प्रसारित करेंगे। इसमें युवाओं को जिम्मेदारी दी जाएगी।
जिले की चारों विधानसभा क्षेत्र में अनुमानित जातीय स्थिति 2022 के विधानसभा चुनाव के आधार पर
करहल विधानसभा क्षेत्र− यह विधानसभा सीट सबसे महत्वपूर्ण है। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के भतीजे तेज प्रताप सिंह यादव इस सीट से वर्तमान विधायक हैं। खुद अखिलेश यादव भी यहां से विधायक रहे हैं। वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव के अनुसार इस सीट पर लगभग 25 हजार अनुसूचित जाति (जाटव), 20 हजार मुसलमान और सर्वाधिक 40 हजार शाक्य मतदाता हैं। लगभग 15 से 17 हजार कठेरिया, 15 से 20 हजार पाल और धनगर मतदाता भी हैं। यादव मतदाताओं की संख्या भी अच्छी-खासी है। बसपा से पूर्व में यहां अनुसूचित जाति से कुलदीप नारायण उर्फ दीपक पेंटर, पाल समाज से दलवीर सिंह मैदान में उतर चुके हैं।
मैनपुरी विधानसभा क्षेत्र
इस सीट पर लगभग 70 हजार यादव मतदाता हैं। इसके बाद 30-30 हजार लगभग शाक्य और क्षत्रिय मतदाता, 20-20 हजार ब्राह्मण, वैश्य और लोधी समाज के भी वोटर हैं। मुस्लिम मत लगभग 18 हजार, अनुसूचित जाति के 40 हजार मतदाता हैं। पाल-धनगर के भी 15 हजार के आसपास मतदाता बताए जाते हैं। गैर यादव, पिछड़ा वोट भी लगभग 15 हजार के आसपास ही है। बसपा ने पूर्व में पिछड़ा वर्ग से महाराज सिंह शाक्य को मैदान में उतारा था। फिर सविता समाज के गौरव नंद को लड़ाया। इस बार बसपा अनुसूचित जाति के साथ पिछड़ों और मुसलमानों को साधने में है।
भोगांव विधानसभा क्षेत्र
लोधी बाहुल्य इस सीट पर लगभग 55 हजार इनकी संख्या है। 45 हजार लगभग यादव मतदाता, 40 हजार के आसपास शाक्य हैं। अनुसूचित जाति का आंकड़ा थोड़ा ज्यादा लगभग 70 हजार के आसपास है। क्षत्रिय मतदाता लगभग 30 हजार, ब्राह्मण और मुस्लिम मतदाताओं की संख्या भी लगभग 18-18 हजार है। पाल-धनगर 20 हजार और कश्यप-मल्लाह मतदाता 15 हजार के आसपास हैं। बसपा ने पिछली बार पिछड़ा वर्ग से सुरेंद्र यादव को उतारा था। अशोक सिंह चौहान फौजी पर क्षत्रिय चेहरे के रूप में दांव खेला था। इस बार यहां भाईचारा कमेटियों की सिफारिश पर ही प्रत्याशी तय किए जाने की तैयारी है।
किशनी विधानसभा क्षेत्र
इस सुरक्षित सीट पर लगभग 70 हजार यादव मतदाता, 50 से 55 हजार क्षत्रिय मतदाता, 40 हजार शाक्य, 30 हजार के आसपास अनुसूचित जाति और कठेरिया मतदाता 20 हजार के आसपास हैं। ब्राह्मण और पाल-धनगर मतदाताओं की संख्या लगभग 12-12 हजार बताई जाती है। मुस्लिम मतदाता भी लगभग 15 हजार हैं। सपा के ब्रजेश कठेरिया तीन बार से विधायक हैं। बसपा ने पूर्व के चुनाव में अनुसूचित जाति के चेहरे के रूप में कमलेश कुमारी, फिर प्रभुदयाल जाटव को लड़ाया था। इस बार अनुसूचित जाति के मतदाताओं के साथ मुस्लिम, अनुसूचित जाति और पिछड़ा वर्ग के मतदाताओं को रिझाने में जुटी है।
बसपा की संगठनात्मक स्थिति पर नजर
- 1665 कुल बूथ जिले में हैं।
- 165 सेक्टर बनाए गए हैं।
- 62 पदाधिकारी एक सेक्टर कमेटी में शामिल होते हैं।
- 10 बूथ को मिलाकर एक सेक्टर बनता है।
- 05 पदाधिकारियों को मिलाकर एक बूथ कमेटी बनती है।
विधानसभावार बूथों की स्थिति
विधानसभा क्षेत्र का नाम, बूथ की संख्या
- मैनपुरी, 404
- भोगांव, 414
- किशनी, 393
- करहल, 444
इन्हें मिली जिले की जिम्मेदारी
मुख्य मंडल प्रभारी : नौशाद अली पूर्व एमएलसी, प्रताप सिंह बघेल पूर्व एमएलसी, विक्रम सिंह पूर्व प्रभारी अलीगढ़ मंडल।
- आगरा मंडल प्रभारी : दीपक पेंटर एवं उपदेश शाक्य। |