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टैरिफ बढ़ोतरी के बीच भारत-रूस व्यापार में तेजी, उत्तर प्रदेश में निवेश प्रक्रिया हुई सरल_deltin51

LHC0088 2025-9-27 20:36:30 views 483

  ग्रेटर नोएडा में भारत-रूस व्यापार संवाद में, उत्तर प्रदेश में निवेश के नए अवसरों पर चर्चा हुई। फाइल फोटो





अर्पित त्रिपाठी, ग्रेटर नोएडा। भारत और रूस के बीच लंबे समय से मज़बूत रणनीतिक साझेदारी रही है। उत्तर प्रदेश इस साझेदारी को और मजबूत करने तथा निवेश एवं व्यापार बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए तैयार है। उत्तर प्रदेश अंतर्राष्ट्रीय व्यापार प्रदर्शनी (UPITS) में आयोजित रूस-भारत व्यापार संवाद में, दोनों देशों के व्यापारिक नेताओं और व्यापार संगठनों ने बैंकिंग, संचार, शिक्षा, बीमा आदि क्षेत्रों में निवेश की अपार संभावनाओं पर चर्चा की।   विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें



भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि बढ़ते अमेरिकी टैरिफ और वैश्विक बाजार में मंदी के मद्देनजर, रूस के साथ एक बड़ी साझेदारी दोनों देशों के बीच व्यापार को बढ़ावा दे सकती है। बैठक में रूस और भारत के बैंकिंग, बीमा, शिक्षा और इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्रों के उद्यमी और अधिकारी उपस्थित थे।

रूसी प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि उन्हें इलेक्ट्रॉनिक्स, सेमीकंडक्टर, रक्षा, एयरोस्पेस, नवीकरणीय ऊर्जा, हरित हाइड्रोजन, फार्मास्यूटिकल्स, रसायन और उन्नत सामग्रियों में निवेश के महत्वपूर्ण अवसर दिखाई दे रहे हैं। बैठक की अध्यक्षता अपर मुख्य सचिव आलोक कुमार और भारत में रूस के उप व्यापार आयुक्त डॉ. एवगेनी ज़ांचेंको ने की।





बैठक के समापन पर, उत्तर प्रदेश सरकार में एमएसएमई मंत्री राकेश सचान ने कहा कि उत्तर प्रदेश में निवेश प्रक्रिया अब बहुत सरल हो गई है। इन्वेस्ट यूपी ने 20 क्षेत्रों में प्रोत्साहन नीतियाँ शुरू की हैं। ग्रीन हाइड्रोजन नीति 2024 के अंतर्गत 30 प्रतिशत पूंजीगत अनुदान, 100 प्रतिशत बिजली अनुदान, 50 प्रतिशत पूंजीगत व्यय सहायता, और भूमि आवंटन एवं स्टाम्प शुल्क में छूट प्रदान की जा रही है।



उन्होंने कहा कि यह आयोजन दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंधों को और मज़बूत करेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी दृष्टिकोण के तहत, भारत तेजी से एक विकसित राष्ट्र बनने की ओर अग्रसर है, जबकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश निरंतर विकास के नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है।

भारत ने 2025 तक रूस के साथ 2.60 लाख करोड़ रुपये के व्यापार का लक्ष्य रखा है, जिसे निश्चित रूप से प्राप्त किया जाएगा। उत्तर प्रदेश 25 करोड़ से अधिक की आबादी वाला एक विशाल बाजार है। उन्होंने रूस से अपनी उन्नत तकनीक के माध्यम से राज्य की औद्योगिक प्रगति में सहयोग देने का आग्रह किया।gorakhpur-city-general,Gorakhpur News,Gorakhpur Latest News,Gorakhpur News in Hindi,Gorakhpur Samachar,rkr,Gorakhpur News,Gorakhpur Latest News,Gorakhpur News in Hindi,Gorakhpur Samachar,Gorakhpur MLC election,Teacher constituency elections,MLC election candidates,Gorakhpur Faizabad MLC election,Voter revision campaign,Teacher MLC elections,Uttar Pradesh news   


भारत में किफायती और विश्वसनीय गुणवत्तापूर्ण कार्य उपलब्ध

पैरामाउंट कम्युनिकेशंस के प्रबंध निदेशक संदीप अग्रवाल ने कहा कि भारत को रूस से ऊर्जा आपूर्ति मिल रही है, भारत की खदानें दुनिया की सर्वश्रेष्ठ खदानों में से हैं और भारत आईटी क्षेत्र में नए मानक स्थापित कर रहा है। रूस को वर्तमान में टेलीफोनी उपकरणों की भारी आवश्यकता है, जिसे भारत पूरा कर सकता है। भारत 5G और 6G नेटवर्क के विस्तार में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।



दोनों देश उपकरण और नेटवर्क के क्षेत्र में महत्वपूर्ण साझेदारी स्थापित कर सकते हैं। हमारे पास परमाणु संयंत्र निर्माता हैं और रूस के पास पनडुब्बी केबलों में विशेषज्ञता है, जो दोनों देशों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। भारत किफायती और विश्वसनीय गुणवत्तापूर्ण कार्य प्रदान कर सकता है, जिसकी बाजार में काफी मांग है।

उन्होंने सुझाव दिया कि मशीनरी, कार्बनिक रसायन, परिधान, खाद्य, इलेक्ट्रॉनिक्स और विद्युत उद्योगों में नए अवसरों की खोज से बाजार का विस्तार हो सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि रूस में निवेश के लिए भारतीय लघु और मध्यम आकार के उद्यम सबसे अच्छा विकल्प हैं।



पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स ने हर संभव सहायता प्रदान करने की इच्छा व्यक्त की। रूसी प्रतिनिधिमंडल ने वित्त और बैंकिंग क्षेत्रों में सहयोग की आवश्यकता पर ज़ोर दिया। शिक्षा क्षेत्र में, उन्होंने छात्र और संकाय आदान-प्रदान, स्टार्टअप आदान-प्रदान और स्टार्टअप सम्मेलनों की आवश्यकता पर जोर दिया।
जहाजरानी मार्गों और बीमा क्षेत्रों में अवसर मौजूद

आर्थिक विभाग की उप प्रमुख, ज़्लाटा अंत्युशेवा ने कहा कि भविष्य में हमारे व्यापारिक संबंध और प्रगाढ़ होंगे। FIEO के डॉ. अजय सहाय ने कहा कि भारत-रूस संबंध केवल व्यापार तक सीमित नहीं हैं; बाज़ार पहुँच, जहाजरानी मार्गों और बीमा जैसे क्षेत्रों में भी चुनौतियाँ और अवसर मौजूद हैं।



पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स के विशाल ढींगरा ने एमएसएमई क्षेत्र में सहयोग की आशा व्यक्त की। बैठक में रूस से रूसी निर्यात केंद्र, सर्बैंक इंडिया, इंगोस्त्राख इंश्योरेंस कंपनी, स्टेट एटॉमिक एनर्जी कॉर्पोरेशन रोसाटॉम और सिनर्जी यूनिवर्सिटी के प्रतिनिधि और भारत से पीएचडी कॉमर्स एंड इंडस्ट्री, पैरामाउंट कम्युनिकेशन, FTIC, FIEO, SIDBI, पंजाब नेशनल बैंक, नेशनल इंश्योरेंस कंपनी, एक्सिस मैक्स लाइफ इंश्योरेंस, अब्दुल कलाम टेक्निकल यूनिवर्सिटी, शारदा यूनिवर्सिटी के प्रतिनिधि उपस्थित थे।



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