सेक्टर-66 स्थित मार्क अस्पताल एंड ट्रामा सेंटर में सोमवार शाम दोबारा ऑक्सीजन लाइन के पास शार्ट सर्किट से ब्लास्ट हो गया।  
 
  
 
जागरण संवाददाता, नोएडा। सेक्टर-66 स्थित मार्क अस्पताल एंड ट्रामा सेंटर में सोमवार शाम दोबारा आक्सीजन लाइन के पास शार्ट सर्किट से ब्लास्ट हो गया। सूचना पर दौड़े स्वास्थ्य विभाग, पुलिस और अग्निशमन विभाग के अधिकारियों ने सात मरीजों को आनन फानन में दिल्ली व गौतमबुद्धनगर के चार अस्पतालों में शिफ्ट कराया। बाकी छह मरीजों को डिस्चार्ज कर घर भेज दिया। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें  
 
सीएमओ डा. नरेंद्र कुमार और अन्य अधिकारियों ने मामले में प्रबंधन की लापरवाही मानकर अस्पताल को सील कर फायर व आक्सीजन लाइन का आडिट कराने तक लाइसेंस रद कर दिया है। वहीं, अस्पताल प्रबंधन ने चिकित्सक व स्टाफ को एक सप्ताह का दिया है। 
 
स्वास्थ्य विभाग में सलाहकार डा. श्वेता खुराना ने बताया कि अधिकारी रविवार को हुई घटना की जांच कर रहे थे। शाम करीब पांच बजे अस्पताल के भूतल में फाल्स सीलिंग के अंदर दोबारा आक्सीजन लाइन में ब्लास्ट होने की सूचना मिली। गनीमत रही कि कोई जनहानि नहीं हुई।  
 
हल्का धुआं फैलने पर प्रबंधन ने तुरंत आइसीयू में भर्ती तीन मरीजों को बाहर निकाला। स्वास्थ्य विभाग की मदद से कुल 13 मरीजों को कैलाश अस्पताल और ओम व प्रभा अस्पताल में भर्ती कराया। इनमें से कैलाश अस्पताल से एक मरीज को एम्स में दिल्ली रेफर कर जबकि अन्य को दिल्ली के लोकनायक, गौतमबुद्ध नगर में विनायक व प्रभा अस्पताल में भर्ती कराया है।  
 
मार्क अस्पताल के निदेशक डा.अनुज त्रिपाठी का कहना है कि आइसीयू में दोबारा आक्सीजन लाइन में शार्ट सर्किट हुआ था, जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने फायर और आक्सीजन लाइन की आडिट कराने के लिए समय दिया है। उन्होंने टेम्प्रेरी आधार पर सीलिंग की है। फिलहाल 13-14 मरीजों में से छह को डिस्चार्ज कर बाकियों को दूसरे अस्पताल में शिफ्ट कराया है। लाइसेंस रद करने की जानकारी नहीं मिली है।  
 
बता दें कि अस्पताल के भूतल में आइसीयू के पास आक्सीजन लाइन में शार्ट सर्किट के बाद ब्लास्ट हुआ था, स्टाफ ने तीमारदारों को आग न लगने व आक्सीजन लाइन फटने के बारे में बताते हुए नहीं घबराने की अपील की। अग्निशमन विभाग के अधिकारी और पुलिस टीम भी मौके पर पहुंच गई।  
 
आइसीयू में भर्ती मरीजों को बाहर निकाला और उन्हें अन्य तल के वार्ड में शिफ्ट कराया गया। मुख्य अग्निशमन अधिकारी प्रदीप कुमार चौबे का कहना था कि अग्निशमन टीम ने आइसीयू कक्ष की फाल्स सीलिंग हटाकर जांच की तो बिजली के तार और आक्सीजन लाइन क्षतिग्रस्त मिली। गनीमत रही कि आग नहीं लगी। बड़ा हादसा हो सकता था।  
 
सीएमओ डा. नरेंद्र कुमार का कहना है कि अस्पताल प्रबंधन को फायर और आक्सीजन लाइन का आडिट कराने का निर्देश दिया है। लाइसेंस रद कर जल्द रिपोर्ट करने को कहा है। हमारी टीम भी मामले में विभिन्न बिंदुओं पर जांच कर रह है। फिलहाल, शार्ट सर्किट से कोई जनहानि नहीं हुई है। आडिट रिपोर्ट मिलने पर आगे कार्रवाई की जाएगी। |   
                
                                                    
                                                                
        
 
    
                                     
 
 
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