राज्य ब्यूरो, लखनऊ। बिजली का नया कनेक्शन लेना नए वर्ष से सस्ता हो सकता है। विद्युत नियामक आयोग जनवरी से लागू होने वाली नई कास्ट डाटा बुक में स्मार्ट प्रीपेड मीटर की मौजूदा कीमत 6016 रुपये से घटाकर 2800 रुपये कर सकता है। इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई कोड रिव्यू पैनल सब कमेटी की गुरुवार को हुई बैठक में बिजली कनेक्शन से संबंधित विभिन्न विद्युत सामग्री की दरों पर विस्तृत चर्चा के बाद नियामक आयोग अब जल्द ही दरों को अंतिम रूप देगा। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
वैसे तो पावर कारपोरेशन प्रबंधन छह वर्ष पहले 2019 की कास्ट डाटा बुक में दी गई विद्युत सामग्री की दरों में सौ प्रतिशत तक की बढ़ोतरी चाहता है, लेकिन स्मार्ट प्रीपेड मीटर के लिए वसूली जा रही धनराशि के घटने के आसार हैं।
इतने रुपये की हो र ही वसूली
कारपोरेशन प्रबंधन सिंगल फेज मीटर के लिए 6016 व थ्री फेज के लिए 11,342 रुपये वसूल रहा है। नियामक आयोग के अध्यक्ष अरविन्द कुमार की अध्यक्षता में सब कमेटी की बैठक में कारपोरेशन प्रबंधन ने महाराष्ट्र, असम, तमिलनाडु आदि राज्यों की 5200 से 6325 रुपये की दरों के आधार पर स्मार्ट प्रीपेड मीटर की दरों को बढ़ाए जाने की बात कही।
कारपोरेशन के एमडी पंकज कुमार ने कहा कि आयोग द्वारा प्रस्तावित सिंगल फेस मीटर की दर 2800 रुपये व थ्री फेज की 4100 रुपये बहुत कम है। मीटर की कीमत आठ हजार से 13 हजार रुपये हो। रिव्यू पैनल के सदस्य व उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने कारपोरेशन प्रबंधन की मांग पर आपत्ति उठाते हुए राजस्थान में स्मार्ट मीटर की कीमत 2500 रुपये बताते हुए मीटर खरीद की इनवाइस के साथ कहा कि सिंगल फेज की कीमत 2630 से 2800 रुपये और थ्रीफेज की 3500 रुपये आ रही है।
कॉस्ट डाटा बुक पर उठाई आपत्तियां
वर्मा ने प्रस्तावित कास्ट डाटा बुक पर आपत्तियां उठाते हुए कहा कि दरों में अंतर है। मसलन, 25 केवीए ट्रांसफार्मर की वास्तविक खरीद लागत 73,101 रुपये है जबकि कास्ट डाटा बुक में 86,157 रुपये प्रस्तावित की गई है। इसी तरह केबल, 8.5 मीटर पीसीसी पोल आदि की दर में भी काफी अंतर है। वर्मा ने आयोग से मांग की कि उपभोक्ता हित में कास्ट डाटा बुक में संशोधन करते हुए वास्तविक खरीद दरों के आधार पर ही सामग्री की कीमत तय की जाए।
वर्मा ने 150 किलोवाट तक 300 मीटर की एकमुश्त कनेक्शन सुविधा को केवल इलेक्ट्रिफाइड एरिया तक सीमित किए जाने पर कहा कि किसान व अविकसित कलोनियों वाले इससे वंचित होंगे। 40 मीटर के बाद दो कनेक्शन की सुविधा समाप्त करने से गरीब उपभोक्ताओं की कनेक्शन लागत बढ़ेगी। वर्मा ने कहा कि पांच किलोवाट तक के घरेलू उपभोक्ताओं की सिक्योरिटी व प्रोसेसिंग फीस बढ़ाने का भी कोई औचित्य नहीं है।
परिषद अध्यक्ष ने ग्रामीण महिलाओं को नए कनेक्शन में 33 प्रतिशत तथा शहरी महिलाओं को 15 प्रतिशत छूट देने की मांग की। वर्मा ने कहा कि पोस्टपेड व प्रीपेड दोनों विकल्पों को कास्ट डाटा बुक में शामिल किया जाए। बैठक में पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष डा. आशीष कुमार गोयल, मध्यांचल डिस्काम की एमडी रिया केजरीवाल सहित कारपोरेशन के निदेशक, टोरेंट व नोएडा पावर कंपनी के प्रतिनिधि भी शामिल हुए। |