करियर डेस्क, नई दिल्ली। पर्यटन की दुनिया अब बदल रही है। पर्यटन का स्वरूप अब वैसा नहीं रहा, जैसा पहले हुआ करता था ...
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                     Career in Tourism: पर्यटन क्षेत्र में दें करियर को न  ... 
                    
                     
                    करियर डेस्क, नई दिल्ली। पर्यटन की दुनिया अब बदल रही है। पर्यटन का स्वरूप अब वैसा नहीं रहा, जैसा पहले हुआ करता था। आज का पर्यटन स्मारकों को देखने से आगे बढ़ चुका है। अब आध्याित्मक और धार्मिक पर्यटन का क्रेज देखा जा रहा है। आज के पर्यटकों को कुछ अलग अनुभव और संतुष्टि देने वाले टूर आइिडयाज अधिक पसंद आ रहे हैं, जैसे कि रिजेनरेटिव पर्यटन, क्यूरेटिव पर्यटन, होमस्टे आदि तथा पर्यटकों के लिए चल रहे स्थानीय कुकिंग क्लासेज, जिसमें पर्यटकों को विधि बताकर उनसे ही खाना तैयार कराया जाता है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें इससे उन्हें किसी स्थानीय व्यंजन को बनाने और उसका स्वाद चखने का एक अलग ही आनंद मिलता है। इसी तरह दिल्ली जैसे शहरों में कुछ युवा फूड वाक कराने का टूर पैकेज पेश कर रहे हैं, जिसमें वे पर्यटकों को कुछ खास बाजारों की सैर कराते हैं, जो खाने-पीने की चीजों के लिए चर्चित हैं। कुछ युवा घुमाने के साथ-साथ सस्ती शॉपिंग कराने के ऑफर के जरिए पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित कर रहे हैं। घूमने-घुमाने वालों के लिए बेहतर विकल्पआनलाइन पहुंच बढ़ने से पर्यटक इस तरह के टूर का भी इन दिनों आनंद ले रहे हैं यानी नए-नए तरह के टूर कांसेप्ट पेश किये जा रहे हैं, जो पर्यटकों को अलग अनुभव दिलाते हैं। आपको भी घूमने-घुमाने का शौक है तो आप भी अपने शहर में आने के लिए पर्यटकों को लुभा सकते हैं और बदले में अच्छा पैसा भी कमा सकते हैं। पर्यटन में रोजगार और स्वरोजगार दोनों ही मौकेइस क्षेत्र में करियर बनाने के लिए आपको स्टोरी टेलिंग आनी चाहिए ताकि पर्यटक आप तक खिंचे चले आएं। पर्यटन में रोजगार और स्वरोजगार दोनों ही मौके हैं। आप चाहें तो नौकरी कर सकते हैं या फिर अपनी टूर कंपनी बना सकते हैं। इन दिनों देश में ऐसी छोटी कंपनियां खूब देखी जा रही हैं, जो एकदम माइक्रो लेवल पर काम करती हैं। देश के विभिन्न शहरों में ऐसी कंपनियां लोगों को अयोध्या के राममंदिर, बनारस के काशीधाम, उज्जैन के महाकाल आदि के दर्शन के नाम पर खूब ग्रुप टूर आफर कर रही हैं और लोग ऐसे मौके का लाभ भी उठा रहे हैं। घरेलू पर्यटन के चलते भी मिल रहे अवसरघरेलू पर्यटन लगातार बढ़ने से ट्रैवल पोर्टल, टूर एंड ट्रैवेल ऑफिस, होटल्स आदि जगहों पर नौकरी भी पा सकते हैं। टूर गाइड का पेशा इस सेक्टर में हमेशा से एक सदाबहार पेशा रहा है। लेकिन इस पेशे में अब नया बदलाव यह आया है कि टूर गाइड बनने के लिए लोगों को अपने शहर से दूर जाने की जरूरत नहीं है। टूरिस्ट डेस्टिनेशन के आसपास रहने वाले लोग ही अब इस तरह की सेवाएं देने लगे हैं। इससे इस पेशे में भी विस्तार हो रहा है। वहीं, नौकरीपेशा या व्यस्त लोग इन दिनों टूर प्लानर की खूब सेवाएं लेते देखे जा रहे हैं, जो लोगों के लिए टूर की प्लानिंग करने में मदद करते हैं, उन्हें गाइड करते हैं कि कैसे किसी डेस्टिनेशन तक पहुंचना है, वहां रहने और खाने की व्यवस्था करनी है। ऐसे टूर प्लानर आपके बजट के अनुसार टूर की प्लानिंग कर देते हैं। पार्ट टाइम जॉब का भी विकल्पपर्यटन सेक्टर आजकल तमाम युवाओं के लिए पार्ट टाइम जॉब का विकल्प भी बनता जा रहा है, जैसे अगर किसी का घर किसी टूरिस्ट डेस्टिनेशन के पास में है तो वह पर्यटकों को होमस्टे की सुविधाएं उपलब्ध करा रहा है। बहुत से युवा घर बैठे किसी होटल, रेस्त्रां या रिसोर्ट आदि के लिए डिजिटल मार्केटिंग जैसी सेवाएं दे रहे हैं। कुछ लोग अपना पोर्टल बनाकर पर्यटकों को अलग-अलग पर्यटन के विकल्प उपलब्ध करा रहे हैं। किन युवाओं के लिए है उपयुक्त सेक्टरपहले की तरह अब लोग एक नौकरी में ही बंधकर पूरी जिंदगी बिताना नहीं चाहते। पर्यटन का क्षेत्र ऐसे युवाओं के लिए बेहतर विकल्प है। यहां आप टूर गाइड, टूर प्लानर के रूप में काम कर सकते हैं, जब मन भर जाए तो अपनी टूर कंपनी शुरू कर सकते हैं, अपना होटल/रेस्त्रां शुरू कर सकते हैं। कोर्स एवं योग्यतादेश में कई कॉलेज /यूनिवर्सिटी में टूरिज्म एवं हॉस्पिटैलिटी से संबंधित कोर्स हैं, जहां से बैचलर आफ टूरिज्म एंड ट्रैवेल मैनेजमेंट या बैचलर आफ टूरिज्म एंड हॉस्पिटैलिटी जैसे कोर्स कर सकते हैं। 12वीं उत्तीर्ण युवा इनमें प्रवेश ले सकते हैं। टैरिफ फ्री सेक्टर है टूरिज्मआज के समय में देश में टूरिज्म ऐसा सेक्टर है, जो टैरिफ फ्री है। इसका मतलब यह कि टैरिफ कुछ भी रहे, देश के टूरिज्म सेक्टर पर इसका बहुत असर नहीं पड़ेगा। इसलिए सरकार का भी फोकस इनबाउंड टूरिज्म पर फिर से बढ़ गया है, ताकि ज्यादा विदेशी आएं। दूसरा यह कि देश का आध्यात्मिक या धार्मिक टूरिज्म आज बहुत बड़ा सेक्टर बन चुका है। घरेलू पर्यटन भी पहले से काफी बढ़ गया है। सरकार का स्वरोजगार और आत्मनिर्भर भारत पर पूरा जोर है। ऐसे में टूरिज्म इसका सबसे अच्छा उदाहरण है, क्योंकि जब देश में टूरिज्म बढ़ रहा है तो इसमें सेवा देने वाले लोग भी चाहिए। ऐसे छोटे उद्यमी भी चाहिए, जो अयोध्या, वाराणसी या उज्जैन जैसी जगहों पर अपने शहर के लोगों को ग्रुप टूर करा सकें या मनाली, शिमला जैसी जगहें घुमा सकें। देखा जाए तो टूरिज्म की वास्तविक प्रकृति ही बिजनेस वाली है। ऐसे में यह स्किल आगे बहुत काम आएगी। क्रूज टूरिज्म को बढ़ावाविदेश की तरह अपने देश में भी क्रूज टूरिज्म को अब बढ़ावा दिया जा रहा है। रिवर क्रूज के बाद अब क्रूज शिप की सेवाएं देने के लिए तमाम क्रूज कंपनियां भारत की ओर रुख कर रही हैं। इसी को ध्यान में रखकर सरकार की ओर से मुंबई में देश के सबसे बड़े क्रूज टर्मिनल को शुरू किया गया है, जहां एक साथ पांच क्रूज शिप खड़े हो सकेंगे। लोग यहां से रोजाना क्रूज के जरिए आवागमन कर सकेंगे। क्रूज की सैर का आनंद ले सकेंगे। पहले इस तरह की सेवाएं विदेश में ही होती थीं। प्रमुख संस्थान
 लेख: निमित चौधरी विभागाध्यक्ष, पर्यटन एवं आतिथ्य विभाग, जामिया मिलिया इस्लामिया, दिल्ली।  | 
                


