deltin55 Publish time 1970-1-1 05:00:00

भारत में 9 ब्रिटिश यूनिवर्सिटी कैंपस को मंजू ...


नई शिक्षा नीति के तहत ब्रिटिश विश्वविद्यालयों को भारत में कैंपस खोलने की अनुमति


[*]भारत-ब्रिटेन द्विपक्षीय बैठक में बड़ा फैसला: 9 विदेशी यूनिवर्सिटी कैंपस को मिली हरी झंडी
[*]गिफ्ट सिटी से गुरुग्राम तक: ब्रिटिश यूनिवर्सिटी कैंपस भारत में जल्द होंगे स्थापित
[*]मोदी-स्टार्मर बैठक में शिक्षा, टेक्नोलॉजी और व्यापार पर कई अहम समझौते
मुंबई। मुंबई में पीएम नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को ब्रिटेन के अपने समकक्ष कीर स्टार्मर के साथ द्विपक्षीय बैठक की। इस दौरान भारत और ब्रिटेन के बीच विभिन्न क्षेत्रों में कई महत्वपूर्ण समझौते हुए।   




भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर पोस्ट कर कहा कि भारत-ब्रिटेन शिक्षा संबंधों को बड़ा बढ़ावा। नई शिक्षा नीति के तहत नौ ब्रिटिश विश्वविद्यालयों को भारत में अपने परिसर स्थापित करने की मंजूरी मिल गई है।
इंग्लैंड की क्वीन्स यूनिवर्सिटी, बेलफास्ट, कोवेंट्री यूनिवर्सिटी, ब्रिस्टल यूनिवर्सिटी, सरे यूनिवर्सिटी को गुजरात की गिफ्ट सिटी गांधीनगर में अपने कैंपस स्थापित करने की अनुमति मिली है। मुंबई में यॉर्क यूनिवर्सिटी और एबरडीन यूनिवर्सिटी एवं बेंगलुरु में लिवरपूल यूनिवर्सिटी और लैंकेस्टर यूनिवर्सिटी के कैंपस बनेंगे। साथ ही साउथेम्प्टन यूनिवर्सिटी के कैंपस दिल्ली और गुरुग्राम में स्थापित होंगे।




वहीं, भारत और ब्रिटेन के बीच टेक्नोलॉजी और इनोवेशन सेक्टर में चार प्रमुख समझौते हुए हैं, जिनमें भारत-यूके कनेक्टिविटी और इनोवेशन सेंटर की स्थापना, एआई के लिए भारत-यूके के ज्वाइंट सेंटर की स्थापना, यूके-भारत क्रिटिकल मिनरल्स सप्लाई चेन ऑब्जर्वेटरी के फेज-टू की शुरुआत और आईआईटी (आईएसएम) धनबाद में एक नया सैटेलाइट कैंपस स्थापित करना शामिल है। इसके साथ ही, ग्रीन टेक्नोलॉजी और सप्लाई चेन की मजबूती के लिए क्रिटिकल मिनरल्स इंडस्ट्री गिल्ड की स्थापना के लिए भी समझौता हुआ है।




ट्रेड और इन्वेस्टमेंट के क्षेत्र में तीन समझौते हुए, जिनमें पुनर्गठित भारत-यूके सीईओ फोरम की उद्घाटन बैठक, भारत-यूके संयुक्त आर्थिक व्यापार समिति (जेईटीसीओ) का पुनर्गठन, जो सीईटीए के कार्यान्वयन में सहायता करेगा और दोनों देशों में आर्थिक विकास और रोजगार सृजन को बढ़ावा देगा।
क्लाइमेट टेक्नोलॉजी स्टार्टअप फंड में एक ज्वाइंट इन्वेस्टमेंट, जो जलवायु प्रौद्योगिकी और एआई जैसे क्षेत्रों में इनोवेटिव एंटरप्रेन्योर्स को समर्थन देने के लिए ब्रिटेन सरकार और भारतीय स्टेट बैंक के बीच समझौता ज्ञापन के तहत एक रणनीतिक पहल है।
इसके अलावा, क्लाइमेट, हेल्थ और रिसर्च सेक्टर में भी तीन महत्वपूर्ण पहलें हुईं, जिनमें बायो-मेडिकल रिसर्च करियर प्रोग्राम के फेज-थर्ड का शुभारंभ और ऑफशोर विंड टास्कफोर्स की स्थापना शामिल है। इसके अलावा, भारत के आईसीएमआर और ब्रिटेन के एनआईएचआर के बीच हेल्थ रिसर्च पर 'लेटर ऑफ इंटेंट' पर हस्ताक्षर शामिल हैं।




https://www.deshbandhu.co.in/images/authorplaceholder.jpg
Deshbandhu



Randhir Jaiswaldelhi newsPM ModiMaharashtra News









Next Story
Pages: [1]
View full version: भारत में 9 ब्रिटिश यूनिवर्सिटी कैंपस को मंजू ...