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अखिलेश यादव कांशीराम का करते हैं सम्मान, झूठ ...


एसटी हसन का जवाब - "सपा ने कभी कांशीराम की विरासत का अपमान नहीं किया"


[*]मायावती के आरोपों को बताया 'राजनीतिक रणनीति', बोले एसटी हसन
[*]बसपा भाजपा की बी-टीम है : मायावती पर सपा नेता का तीखा हमला
[*]"बिना सबूत आरोप न लगाएं": एसटी हसन ने मायावती को दी सलाह
मुरादाबाद। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती द्वारा समाजवादी पार्टी (सपा) पर किए गए तीखे हमलों का पूर्व सपा सांसद डॉ. एसटी हसन ने करारा जवाब दिया है।




मायावती ने सपा पर कांशीराम के योगदान को नजरअंदाज करने और उनकी विरासत का अपमान करने का आरोप लगाया था। इसके जवाब में डॉ. हसन ने कहा कि मायावती का यह बयान पूरी तरह गलतफहमी और निराधार इल्जाम पर आधारित है। सपा सरकार में हर चीज का ऑडिट हुआ और एक-एक पाई का हिसाब रखा गया। मैं मायावती को बिना सबूत के ऐसे आरोप नहीं लगाने की सलाह देता हूं।
डॉ. हसन ने कहा, “अखिलेश यादव कांशीराम का बहुत सम्मान करते हैं। सपा सरकार में पार्कों का रखरखाव भी बेहतर ढंग से किया गया। सियासत में झूठे इल्जाम लगाना उचित नहीं है। मायावती के आरोपों में कोई दम नहीं है। सपा ने हमेशा सामाजिक न्याय और समावेशी विकास के लिए काम किया है।"




मायावती द्वारा भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार की तारीफ करने पर तंज कसते हुए डॉ. हसन ने कहा, “यह तो सभी जानते हैं कि बसपा भाजपा की बी-टीम है। मायावती इस समय इसलिए भाजपा की तारीफ कर रही हैं क्योंकि उनकी पार्टी को भाजपा ने ऐसी स्थिति में लाकर खड़ा कर दिया है, जहां उनके पास तारीफ करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा।”
उन्होंने मायावती को उनके पुराने बयानों की भी याद दिलाई, जब वह तिलक, तराजू और तलवार जैसे बयानों के लिए जानी जाती थीं।




डॉ. हसन ने पीडीए का जिक्र करते हुए कहा कि सपा ने हमेशा पिछड़े, दलित और मुस्लिम समुदायों का ख्याल रखा है। सपा सरकार में दलितों और मुस्लिमों के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं चलाई गईं, जबकि बसपा और भाजपा सरकारों में मुस्लिम समुदाय को नजरअंदाज किया गया।
उन्होंने कहा, “अखिलेश यादव ने दलितों के लिए बहुत कुछ किया। आज की तरह नहीं कि दलित गांवों में घोड़े पर चढ़कर अपनी बारात भी नहीं ले जा सकते। गांवों में दलितों की स्थिति किसी से छिपी नहीं है।”




मायावती के सपा पर हमलावर रुख को लेकर डॉ. हसन ने इसे एक सुनियोजित रणनीति करार दिया।
उन्होंने कहा, “मायावती मेरी नेता रही हैं और देश की बड़ी नेता हैं, लेकिन कुछ मजबूरियों के चलते उन्हें यह सब करना पड़ रहा है। हर बात प्रेस में नहीं कही जा सकती। मायावती के आरोप राजनीतिक रूप से प्रेरित लगते हैं। मैं मायावती से अपील करता हूं कि वो बिना सबूत के आरोप लगाने से बचें और समाज को एकजुट करने में योगदान दें।"




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