सीजेआई पर दुर्व्यवहार को लेकर इमरान मसूद का ...
दलित सीजेआई पर हमला बर्दाश्त नहीं: इमरान मसूद ने जताया आक्रोश
[*]इमरान मसूद बोले-संविधान पर हमला, दलित और मुसलमान होना बना अपराध
[*]सीजेआई गवई पर दुर्व्यवहार को लेकर मसूद ने उठाए सामाजिक न्याय के सवाल
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान एक वकील द्वारा चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया बी.आर. गवई का दुर्व्यवहार मामले ने तूल पकड़ लिया है। कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने भी इसका कड़ा विरोध जताया। उन्होंने इसे देश के इतिहास में एक काले दिन के रूप में दर्ज किए जाने की बात कही।
मसूद ने कहा कि एक दलित का बेटा सीजेआई है, तो कुछ लोगों को यह बर्दाश्त नहीं हो रहा। उन्होंने इसको जातिवाद और भेदभाव बताया।
इमरान मसूद ने कहा कि संविधान सभी नागरिकों को अपने धर्म और पहचान के अनुसार जीने की आजादी देता है। लेकिन आज दलित और मुसलमान होना मानो अपराध बन गया है। उन्होंने कहा कि देश संविधान से चलेगा और संविधान के अंदर सबके अधिकार सुरक्षित हैं। केवल आपका ही अधिकार नहीं है, तो आप सबको अपमानित क्यों कर रहे हैं?
मसूद ने यह भी कहा कि सनातन धर्म प्रेम और सहिष्णुता का संदेश देता है, लेकिन वर्तमान में कुछ लोग इसके नाम पर नफरत फैला रहे हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस मामले पर ध्यान देने की अपील की।
सांसद ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की तारीफ करते हुए कहा कि राहुल गांधी जनता के लिए काम करते हैं और उन्हें जननायक कहना गलत नहीं है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी समाज की भलाई और संवैधानिक मूल्यों की रक्षा में काम कर रहे हैं।
उत्तर प्रदेश में हो रही घटनाओं को लेकर इमरान मसूद ने चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि जिस तरह से लोगों को मारा जा रहा है और भेदभाव बढ़ रहा है, वह बहुत दुखद है। मसूद ने योगी सरकार पर हमला बोलते हुए सवाल उठाया कि आप देश को किस दिशा में ले जाना चाह रहे हैं? यहां खुलेआम दलितों और मुसलमानों का उत्पीड़न किया जा रहा है।
वहीं, बिहार चुनावों को लेकर उन्होंने कहा कि इलेक्शन कमिशन बीजेपी के साथ मिली हुई है, जिससे चुनाव प्रक्रिया को प्रभावित किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट को निगरानी में लेकर चुनाव करवाने की जरूरत है ताकि सभी नागरिकों को निष्पक्ष और स्वतंत्र मतदान का अधिकार मिल सके।
https://www.deshbandhu.co.in/images/authorplaceholder.jpg
Deshbandhu
Imran Masoodpoliticsdelhi newsCJI BR GavaiSupreme Court
Next Story
Pages:
[1]