दिमाग से ज्यादा शक्तिशाली होता है दिल, रखें ...
नई दिल्ली। दिल हमारे शरीर का अहम हिस्सा है, जो शरीर के विभिन्न हिस्सों में रक्त का प्रवाह सुनिश्चित करता है। दिल को भावनाओं के साथ भी जोड़ा गया है। विज्ञान और आयुर्वेद दोनों में ही दिल को सबसे जरूरी माना गया है, लेकिन आजकल की लाइफस्टाइल में दिल का ध्यान रख पाना हर किसी के लिए संभव नहीं है।
इसलिए दिल से जुड़ी कई बीमारियां कम उम्र में ही लोगों को परेशान करने लगी हैं। दिल हमारे शरीर में पंप की तरह काम करता है। आसान भाषा में आप दिल को पूरे शरीर का सप्लाई मैन कह सकते हैं; इसके बिना धड़के शरीर का कोई हिस्सा काम ही नहीं कर सकता। अब दिल इतना जरूरी है तो ध्यान रखना भी जरूरी है।
दिल कई वजह से ठीक से काम करना बंद कर देता है, जिसमें सही समय पर खानपान न करना, ज्यादा तनाव लेना, तंबाकू का सेवन करना, और नींद पूरी न लेना शामिल हैं। ये सभी कारण दिल को ठीक से काम करने में बाधा पहुंचाते हैं।
आयुर्वेद में दिल की बीमारियों को कम करने के लिए कई उपाय बताए गए हैं, जिससे आप अपने दिल को पूरी तरह स्वस्थ रख सकते हैं। हल्दी दिल के स्वास्थ्य के लिए अच्छी होती है क्योंकि उसमें करक्यूमिन होता है, जो रक्त को साफ करने का काम करता है। लहसुन भी दिल के लिए स्वास्थ्यवर्धक होता है, यह रक्तचाप को सामान्य रखने में मदद करता है। इसके अलावा, मेथी और दालचीनी का सेवन, पूरी नींद लेना और तनाव में कमी रखना जैसे फैक्टर भी दिल को स्वस्थ रखने के लिए जरूरी हैं।
लाइफस्टाइल में बदलाव के साथ योग और प्राणायाम नियमित रूप से करके भी दिल की हेल्थ बेहतर की जा सकती है।
दिल दिखने में भले ही छोटा हो, पर इसकी कार्यप्रणाली उतनी ही जटिल और अद्भुत है। जहां हमारे शरीर के अधिकांश अंगों को कार्य करने के लिए मस्तिष्क के संकेतों की आवश्यकता होती है, वहीं दिल एकमात्र ऐसा अंग है जिसके पास अपना "प्राकृतिक पेसमेकर" होता है और यह स्वतंत्र रूप से धड़कता है। यह हमारे मस्तिष्क की तरह ही बिना रुके, लगातार काम करता है। पूरे दिन में हृदय को केवल 0.4 सेकंड का ही क्षणिक आराम मिल पाता है।
हृदय की एक और खास बात यह है कि यह मस्तिष्क की तुलना में अधिक प्रभावी और शक्तिशाली संदेश मस्तिष्क को भेज सकता है। यही कारण है कि भावनाएं कई बार मस्तिष्क के तर्क पर हावी हो जाती हैं।
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