बाढ़ संकट पर एकनाथ शिंदे का एक्शन मोड, राहत क ...
महाराष्ट्र में बाढ़ से जंग, शिंदे ने अधिकारियों को किया अलर्ट
[*]कोंकण-मराठवाड़ा में राहत अभियान तेज, सरकार ने कहा- हर नागरिक सुरक्षित रहेगा
[*]बलीराज की माताओं के आंसुओं तक पहुंची सरकार, शिंदे ने दिया भरोसा
[*]बाढ़ प्रभावितों के लिए सरकार सक्रिय, शिंदे बोले-मदद में नहीं होगा भेदभाव
मुंबई। महाराष्ट्र के कई जिलों में ज्यादा बारिश होने की वजह से बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई। इसे लेकर उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कोंकण और मराठवाड़ा विभाग की समीक्षा बैठक की और अधिकारियों को अलर्ट मोड पर रहने के निर्देश दिए। शिंदे ने कहा कि सरकार पूरी तरह सक्रिय है और किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार है।
उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि बाढ़ नियंत्रण विभाग के संबंध में एक बैठक हुई, जिसमें जिला कलेक्टर, नगर निगम, पुलिस प्रशासन, सिंचाई विभाग, एमएसएबी, एनडीआरएफ और टीडीआरएफ के अधिकारी शामिल हुए। सभी हितधारकों के साथ चर्चा के बाद यह पुष्टि की गई कि तैयारी पूरी कर ली गई है और सभी एजेंसियां अलर्ट पर हैं। पूरी मशीनरी किसी भी समय भारी बारिश की स्थिति में प्रभावी ढंग से प्रतिक्रिया देने के लिए तैयार है।
उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मीडिया से बातचीत में बताया कि कोंकण विभाग में जहां-जहां पानी जमा हुआ था, वहां से पानी हटा दिया गया है। बाढ़ की स्थिति वाले इलाकों में नागरिकों को स्कूल और कॉलेजों में स्थानांतरित करने के निर्देश दिए गए हैं। सी-1 श्रेणी की जर्जर इमारतों पर विशेष निगरानी रखी जा रही है।
उन्होंने कहा कि पेड़ गिरने और बिजली की तारें टूटने की आशंका को देखते हुए अधिकारियों को सतर्क रहने और समय पर फोन रिसीव करने के आदेश दिए गए हैं, ताकि राहत-बचाव कार्य तुरंत किया जा सके। स्विमर बोट्स तैनात कर दी गई हैं और मछली पकड़ने गए लोगों को वापस बुला लिया गया है। वहीं, डैम क्षेत्रों पर भी विशेष निगरानी रखी जा रही है।
एकनाथ शिंदे ने कहा कि नागरिकों का जीवन किसी भी कीमत पर खतरे में नहीं आने दिया जाएगा। सरकार की प्राथमिकता है कि हर प्रभावित व्यक्ति तक समय पर मदद पहुंचे।
मराठवाड़ा में भी सुबह समीक्षा बैठक की गई, जहां सभी अधिकारी फील्ड पर तैनात हैं। प्रभावित इलाकों में अनाज और जरूरी जीवन सामग्री पहुंचाई जा रही है। शिंदे ने कहा कि बलीराज की माताएं और बहनें रो रही हैं, लेकिन सरकार उनके साथ है। उन्होंने आश्वासन दिया कि मदद में किसी भी तरह का भेदभाव नहीं होगा। जरूरत पड़ने पर नियम और शर्तों को सरल किया जाएगा।
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