ललित सुरजन की कलम से - मानसरोवर यात्रा पर राह ...
'पंडित नेहरू और उनके लगभग सभी साथी- सहयोगी भी स्वतंत्र भारत में इन जनतांत्रिक विश्वासों को पुष्ट करना चाहते थे। पाठकों को शायद ध्यान हो कि हर साल 3 जनवरी को इंडियन साइंस कांग्रेस का प्रारंभ होता है जिसमें प्रधानमंत्री उद्घाटनकर्ता होते हैं।
यह परंपरा पंडित नेहरू ने ही प्रारंभ की थी। 1954 में जब पहली बार भारत रत्न का सर्वोच्च सम्मान देना प्रारंभ हुआ तो प्रथम तीन व्यक्तियों- चक्रवर्ती राजगोपालाचारी और डॉ. राधाकृष्णन के साथ महान वैज्ञानिक सी.वी. रमन को यह सम्मान मिला।
इससे वैज्ञानिक सोच के प्रति तत्कालीन सरकार की प्रतिबद्धता जाहिर होती है। ध्यान देना चाहिए कि धार्मिक विश्वास को लेकर नेहरू जी से सरदार पटेल व राजेन्द्र बाबू के बीच मतभेद भले रहे हों, लेकिन शासन स्तर पर उन्होंने कोई ऐसा निर्णय नहीं लिया जिससे अन्य धर्मों के मतावलंबियों को कोई आघात पहुंचता हो।'
(देशबन्धु में 06 सितंबर 2018 को प्रकाशित)
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