ईडी ने रंजीत ऑटोमोबाइल्स के खिलाफ अभियोजन श ...
ईडी ने रंजीत ऑटोमोबाइल्स पर मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया, अदालत ने लिया संज्ञान
[*]भोपाल में ₹34 करोड़ की बैंक धोखाधड़ी, ईडी ने दायर की अभियोजन शिकायत
[*]पीएमएलए के तहत रंजीत मोटर्स पर कार्रवाई, ₹27.30 करोड़ की संपत्ति कुर्क
भोपाल। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के भोपाल जोनल ऑफिस ने 23 सितंबर को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) 2002 के प्रावधानों के अंतर्गत रंजीत ऑटोमोबाइल्स प्राइवेट लिमिटेड, रंजीत मोटर्स प्राइवेट लिमिटेड और अन्य के विरुद्ध विशेष न्यायालय (पीएमएलए), भोपाल के समक्ष अभियोजन शिकायत (पीसी) दायर की। न्यायालय ने धन शोधन के अपराध का संज्ञान लिया है।
इससे पहले, ईडी ने 16 सिबंतर के अनंतिम कुर्की आदेश के तहत पीएमएलए, 2002 के अंतर्गत भोपाल स्थित 27.30 करोड़ रुपए मूल्य की अचल संपत्ति को अनंतिम रूप से कुर्क किया था।
ईडी ने सीबीआई, राज्य बैंक, भोपाल द्वारा आईपीसी, 1860 की विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज एक प्राथमिकी के आधार पर जांच शुरू की। इसके बाद सीबीआई की ओर से कई व्यक्तियों के विरुद्ध आरोप-पत्र दायर किया गया।
ईडी की जांच से पता चला कि आरोपियों ने कैश क्रेडिट लिमिट का लाभ उठाकर बैंक ऑफ बड़ौदा से 34.36 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी की। जांच में पता चला कि शुरुआत में आरोपियों ने दुर्भावनापूर्ण तरीके से वर्ष 2010 में 7.50 करोड़ रुपए की कैश क्रेडिट लिमिट का लाभ उठाया। वर्ष 2015 में उक्त सीमा को धीरे-धीरे बढ़ाकर 42 करोड़ रुपए कर दिया गया।
ईडी की जांच से यह भी पता चला कि जिन निधियों का उपयोग व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए किया जाना था, उन्हें उनकी सहयोगी कंपनियों में स्थानांतरित कर दिया गया। उक्त स्थानांतरित निधियों का उपयोग कुर्क की गई संपत्ति के अधिग्रहण और कुर्क की गई संपत्ति के विकास के लिए लिए गए ऋण के पुनर्भुगतान के लिए किया गया।
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Deshbandhu
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