सोनम वांगचुक के खिलाफ कार्रवाई, केंद्रीय गृ ...
नई दिल्ली। लद्दाख में हुए विरोध प्रदर्शन के बीच केंद्रीय गृह मंत्रालय ने गुरुवार को एक आदेश जारी कर स्टूडेंट्स एजुकेशनल एंड कल्चरल मूवमेंट ऑफ लद्दाख (एसईसीएमओएल) के एफसीआरए लाइसेंस को रद्द कर दिया। सोनम वांगचुक से यह संस्था जुड़ी है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय के आदेश में कहा गया है कि एसईसीएमओएल (जिसे आगे 'एसोसिएशन' कहा गया है) को विदेशी अंशदान (विनियमन) अधिनियम, 2010 (एफसीआरए) के तहत पंजीकरण प्रमाणपत्र संख्या 152710012आर जारी कर पंजीकरण दिया गया था, ताकि सांस्कृतिक और शैक्षिक कार्यक्रम आयोजित करने के लिए विदेशी अंशदान (जिसे आगे 'एफसी' कहा गया है) प्राप्त किया जा सके। इस एसोसिएशन को 20 अगस्त को कारण बताओ नोटिस (एससीएन) स्पीड पोस्ट द्वारा भेजा गया था, जिसके बाद 10 सितंबर को ईमेल भेजी गई थी, जिसमें अधिनियम की धारा 14 के तहत संगठन के एफसीआरए पंजीकरण को रद्द क्यों नहीं किया जाना चाहिए, इस बारे में कारण बताने को कहा गया था।
बताओ नोटिस के जवाब में एसोसिएशन ने 19 सितंबर को ईमेल के माध्यम से अपना जवाब दिया। एसोसिएशन के जवाब की जांच की गई, जिसमें पाया गया है कि संगठन ने एफसीआरए का उल्लंघन किया।
वित्तीय वर्ष 2021-22 के दौरान सोनम वांगचुक ने अधिनियम की धारा 17 के उल्लंघन में एसोसिएशन के एफसीआरए खाते में 3.5 लाख रुपए जमा किए। इस पर संगठन ने जवाब दिया कि 3,35,000 रुपए की राशि एफसीआरए खाते में इसलिए जमा की गई थी, क्योंकि यह 14 जुलाई 2015 को खरीदी गई पुरानी बस की बिक्री से प्राप्त राशि थी।
मंत्रालय ने टिप्पणी की कि एफसीआरए फंड से खरीदी गई किसी भी संपत्ति की बिक्री से प्राप्त राशि को दिशानिर्देशों के अनुसार केवल एफसीआरए खाते में जमा किया जाना चाहिए। एसोसिएशन का जवाब उचित नहीं है। एफसी-4 के कॉलम 2(ii)(ए) में वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए यह उल्लेख है कि सोनम वांगचुक से 3,35,000 रुपए की विदेशी सहायता प्राप्त हुई थी। हालांकि, संस्था ने अपने स्पष्टीकरण में कहा है कि यह राशि एफसीआरए फंड से खरीदी गई पुरानी बस की बिक्री से प्राप्त हुई है, लेकिन संस्था के एफसीआरए खाते में इतनी राशि का क्रेडिट एंट्री नहीं है। ऐसा लगता है कि यह राशि अधिनियम के सेक्शन 17 के उल्लंघन में नकद में प्राप्त हुई है, जिसे एसोसिएशन ने अपने जवाब में ठीक से नहीं बताया है।
इसके अलावा, एसोसिएशन ने एफसी-4 में सोनम वांगचुक से 3,35,000 रुपए की विदेशी सहायता का उल्लेख किया है। हालांकि, यह लेनदेन अधिनियम के सेक्शन 18 के उल्लंघन में एफसीआरए खाते में दर्ज नहीं है।
वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान तीन व्यक्तियों (प्रत्येक 18,200 रुपए) ने अधिनियम के सेक्शन 17 के उल्लंघन में एसोसिएशन के एफसीआरए खाते में 54,600 रुपए का स्थानीय फंड जमा किया। इस पर एसोसिएशन ने जवाब दिया कि 54,600 रुपए की राशि, जिसे स्थानीय फंड के रूप में दिखाया गया है (तीन अलग-अलग व्यक्तियों द्वारा 18,200 रुपए प्रत्येक), स्वयंसेवकों के भोजन और आवास के लिए प्राप्त हुई थी। हालांकि, यह राशि गलती से स्थानीय खाते के बजाय हमारे एफसीआरए खाते में ट्रांसफर हो गई। हमारी वेबसाइट पर स्पष्ट रूप से कहा गया है कि भारतीय स्वयंसेवक अपना योगदान स्थानीय खाते में और विदेशी स्वयंसेवक एफसीआरए खाते में ट्रांसफर करें। इन निर्देशों के बावजूद, स्वयंसेवकों ने गलती से गलत खाते में भेज दिया।
मंत्रालय की टिप्पणी के अनुसार, जैसा कि एसोसिएशन ने स्वीकार किया है, स्थानीय फंड अधिनियम के सेक्शन 17 के उल्लंघन में एफसीआरए खाते में जमा किया गया था।
वित्तीय वर्ष 2021-22 के वार्षिक रिपोर्ट में उपलब्ध जानकारी के अनुसार, इस संस्था ने विदेशी दानदाताओं से अधिनियम के सेक्शन 12(4)(एफ)(i) का उल्लंघन करते हुए नीचे दिए गए विवरण के अनुसार 4,93,205/- रुपए की राशि प्राप्त की है।
इस पर संस्था ने कहा कि हमें फ्रेम्स्टिडजॉर्डन से 4,93,205 रुपये मिले थे, जो एफई प्रोजेक्ट के तहत युवाओं के लिए शिक्षा कार्यक्रम के लिए था। इस पैसे का इस्तेमाल अलग-अलग वर्कशॉप और ट्रेनिंग के माध्यम से युवाओं में माइग्रेशन, जलवायु परिवर्तन, ग्लोबल वार्मिंग, खाद्य सुरक्षा और संप्रभुता और जैविक खेती जैसे मुद्दों पर जागरूकता पैदा करने के लिए किया गया था। यह फंड संस्था के उद्देश्यों के अनुसार और निर्धारित उद्देश्यों के लिए ही इस्तेमाल किया गया था। इसलिए, ये सभी गतिविधियां शैक्षिक थीं और कोई उल्लंघन नहीं हुआ।
मंत्रालय की टिप्पणी के मुताबिक, संस्था ने अपने जवाब में स्वीकार किया कि दान देने वाले संगठन ने देश की संप्रभुता और कुछ अन्य विषयों पर अध्ययन के लिए दान दिया था और यह फंड विदेशी दानदाताओं के उद्देश्यों के अनुसार ही खर्च किया गया था। देश की संप्रभुता पर अध्ययन के लिए विदेशी योगदान स्वीकार नहीं किया जा सकता। संगठन का यह कार्य देश के राष्ट्रीय हितों के खिलाफ है और अधिनियम के सेक्शन 12(4)(एफ)(i) का उल्लंघन है।
वित्त वर्ष 2021-22 के वार्षिक रिटर्न के अनुसार, संस्था ने अधिनियम के सेक्शन 12(4)(ए)(vi) के तहत पंजीकरण की शर्तों के उल्लंघन में दानदाताओं को 19,600 रुपये वापस कर दिए।
इस पर संगठन ने स्वीकार किया है कि मिस मेघा संघवी से विदेशी दान के रूप में प्राप्त 19,600 रुपए की राशि उसे वापस कर दी गई है।
इस पर मंत्रालय ने टिप्पणी की कि कानून में दानदाता को विदेशी धन वापस करने का कोई प्रावधान नहीं है। संगठन द्वारा दानदाता को विदेशी धन वापस करना, व्यक्तिगत लाभ के लिए इसका इस्तेमाल करने या कानून की धारा 8(1)(ए) के तहत पंजीकरण की शर्तों का उल्लंघन करते हुए इसे अनुचित उद्देश्य के लिए इस्तेमाल करने की संभावना है।
एसईसीएमओएल द्वारा वित्त वर्ष 2020-21 के लिए दाखिल वार्षिक रिटर्न के अनुसार, उसे 79,200 रुपए का विदेशी योगदान प्राप्त हुआ है, लेकिन यह एफसीआरए बैंक खाते में जमा नहीं किया गया है। संदेह है कि यह धन कानून की धारा 17 का उल्लंघन करते हुए स्थानीय बैंक खातों में जमा किया गया है।
इस पर संस्था ने जवाब दिया कि 79,200 रुपए की राशि कर्मचारियों के वेतन और फेलो के भत्ते से सीधे काट ली गई थी, इसलिए कोई अलग लेनदेन नहीं हुआ। चूंकि यह भोजन शुल्क के रूप में स्रोत पर ही काट लिया गया था, इसे लेखा पुस्तकों में भोजन शुल्क के रूप में दर्ज किया गया और उसी राशि का उपयोग भोजन खर्च के लिए किया गया। इस पर मंत्रालय ने कहा कि संस्था द्वारा स्पष्ट किया गया है कि 79,200 रुपए की राशि कर्मचारियों के वेतन से सीधे काट ली गई थी, इसका मतलब है कि यह राशि कर्मचारियों को कभी वितरित नहीं की गई और इसलिए वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए एफसी-4 के कॉलम 2(i)(बी)(ii) में इसे प्रोजेक्ट, गतिविधियों से अन्य प्राप्तियों के रूप में दिखाना गलत है। इससे पता चलता है कि संगठन का लेखा-व्यवस्था ठीक नहीं है। एफसी-4 में इस राशि को प्राप्त राशि के रूप में बताना अधिनियम के सेक्शन 18 और 19 का उल्लंघन है।
इस पर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एसईसीएमओएल को जारी एफसीआरए पंजीकरण प्रमाणपत्र संख्या 152710012आर को तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया।
वहीं, लेह जिला मजिस्ट्रेट ने एसईसीएमओएल के डायरेक्टर सोनम वांगचुक को पत्र लिखा और उनके एनजीओ के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए। पत्र में कहा गया है कि आप (सोनम वांगचुक) जोनल एजुकेशन ऑफिस जैसे प्रशासनिक कार्यालयों को दरकिनार करके सरकारी कर्मचारियों का मनोबल गिरा रहे हैं, अशोभनीय भाषा और टिप्पणियों का प्रयोग कर रहे हैं। विभाग और उसके कर्मचारियों पर निराधार आरोप लगा रहे हैं। आप सरकार को बकाया राशि दिए बिना 200 कनाल जमीन पर अवैध रूप से कब्जा किए हुए हैं। आप विदेशी योगदान अधिनियम के प्रावधानों का दुरुपयोग कर रहे हैं और विदेशी योगदान से प्राप्त धन का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं।
पत्र में आगे लिखा गया है कि चीन और अन्य जगहों पर आपके ऐसे संबंध हैं जो देश विरोधी गतिविधियों के लिए इस्तेमाल किए जा सकते हैं या किए गए हैं। आप (सोनम वांगचुक) समय-समय पर नकारात्मक टिप्पणियों और गंभीर परिणामों की धमकी देकर काउंसिल और जिला प्रशासन को धमका रहे हैं, जिससे क्षेत्र में शांति भंग हो रही है। ये सभी आरोप बहुत गंभीर हैं और क्षेत्र के प्रशासन और शांति के लिए गंभीर खतरा हैं। आपको यह नोटिस दिया जाता है कि आपके एनजीओ और व्यक्तिगत रूप से आपके खिलाफ इन सभी मामलों में कार्रवाई की जाएगी ताकि क्षेत्र में किसी भी गड़बड़ी को रोका जा सके।
https://www.deshbandhu.co.in/images/authorplaceholder.jpg
Deshbandhu
Ministry of Home Affairsdelhi newspolitics
Next Story
Pages:
[1]