लाउंड्री के गैस प्लांट से सटा मेडिसिन वार्ड... खौफ में मरीज, पटना एनएमसीएच फील्ड अस्पताल में सुरक्षा पर गंभीर सवाल
/file/upload/2025/11/8226405829079353401.webpपटना एनएमसीएच में मरीज परेशान
जागरण संवाददाता, पटना सिटी(पटना)।नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल (एनएमसीएच) के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस परिसर स्थित प्री-फैब्रिकेटेड फील्ड हॉस्पिटल में मरीजों और स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा पर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है। दो सौ बेड वाला यह फील्ड अस्पताल महज छह से आठ फीट की दूरी पर स्थित सेंट्रल लाउंड्री के गैस प्लांट से घिरा है। खुले ग्रिल में बने इस प्लांट में हर समय करीब दो दर्जन बड़े गैस सिलेंडर नोज़ल से जुड़े रहते हैं, जबकि इसके ठीक सामने मेडिसिन वार्ड की खिड़कियां हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
मरीजों से लेकर डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों तक सब किसी बड़े हादसे की आशंका से डरे हुए हैं।
वार्ड में भर्ती डेंगू सहित विभिन्न संक्रमणों से ग्रसित गंभीर मरीजों के परिजन बताते हैं कि गैस प्लांट की असुरक्षित स्थिति किसी भी समय दुर्घटना का कारण बन सकती है।
सुरक्षा के नाम पर केवल दो छोटे अग्निशमन सिलेंडर लगे हैं, जबकि पूरे प्लांट के आसपास न सुरक्षा गार्ड तैनात हैं और न ही कोई निगरानी व्यवस्था।
अस्पताल परिसर की खुली चहारदीवारी के कारण बाहर नशेड़ी अक्सर सक्रिय रहते हैं। लोगों का कहना है कि इतनी भीड़ वाले औषधि विभाग के ओपीडी, जहां रोजाना सैकड़ों मरीज आते हैं, के इतने नजदीक गैस प्लांट का संचालन जोखिम भरा है।
फील्ड अस्पताल में हर समय बड़ी संख्या में मरीज भर्ती रहते हैं और पास ही प्रसूति विभाग व कैंसर विभाग भी स्थित है। ऐसे में किसी भी प्रकार की लापरवाही गंभीर हादसे का रूप ले सकती है।
सेंट्रल लाउंड्री और फील्ड अस्पताल का निर्माण बीएमएसआईसीएल द्वारा किया गया है।
एनएमसीएच की अधीक्षक डॉ. प्रो. रश्मि प्रसाद ने बताया कि गैस प्लांट की लोकेशन सहित सभी निर्णय उच्च अधिकारी स्तर पर लिए गए थे। अस्पताल प्रशासन का इस पर कोई नियंत्रण नहीं है।
रोजाना ढाई हजार से अधिक मरीज जहां इलाज के लिए एनएमसीएच पहुंचते हैं, वहीं सुरक्षा में ऐसी चूक बड़ी चिंता का विषय बन गई है। मरीजों और कर्मचारियों ने जल्द सुरक्षित विकल्प की मांग की है।
सेंट्रल लाउंड्री से लेकर प्री फैब्रिकेटेड फील्ड होस्पिटल बीएमएसआइसीएल द्वारा निर्माण किया गया है। वार्ड के समीप गैस प्लांट बनाने समेत अन्य मामलों का निर्णय उच्च अधिकारी स्तर से लिया गया है। इसमें अस्पताल प्रबंधन का कोई दखल नहीं है।
डा. प्रो. रश्मि प्रसाद, अधीक्षक, एनएमसीएच
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