गुजरात से पकड़े गए आतंकियों को मिली थी विदेश से आर्थिक मदद, सीसीटीवी फुटेज में दिखा आतंकी
/file/upload/2025/11/175688517319940711.webpगुजरात से पकड़े गए आतंकियों को मिली थी विदेश से आर्थिक मदद (सांकेतिक तस्वीर)
राज्य ब्यूरो, अहमदाबाद। गुजरात से पकड़े गए इस्लामिक स्टेट खुरासन प्रांत (आइएसकेपी) के तीन आतंकियों से पूछताछ में आतंकवाद निरोधक दस्ते को कई अहम जानकारियां मिली है। उन्हें विदेश से आर्थिक मदद मिल रही थी और आतंकियों के निशाने पर मंदिर भी थे। एटीएस को अहमदाबाद की होटल के सीसीटीवी फुटेज में एक आतंकी की पहचान भी हो गई है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
आतंकियों ने की थी मंदिरों की रेकी
हैदराबाद में आइएसकेपी के एक अन्य संदिग्ध डॉ. अहमद मोहियुद्दीन सैयद के घर पर छापे में महत्वपूर्ण डिजिटल साक्ष्य मिले। जांच में पता चला कि दो महीने पहले उन्हें जो पार्सल मिला था, वह उनके साथी आजाद सुलेमान शेख और सुहैल ने भेजा था।
पार्सल में डेढ़ लाख रुपये थे, जिसे एक पाकिस्तानी एजेंट के निर्देश पर भेजा गया था। इससे सीमा पार से आर्थिक मदद मिलने की पुष्टि होती है। अब जांच एजेंसियां इस रकम के स्त्रोत और इसे उपलब्ध कराने वालों का पता लगाने में जुटी हैं।
आजाद ने जम्मू-कश्मीर के बारामूला की यात्रा की थी
उत्तर प्रदेश निवासी आजाद ने जम्मू-कश्मीर के बारामूला की यात्रा की थी, जहां उसका मकसद आतंकी हमला करना था। जब वहां उसे कोई निशाना नहीं मिला, तो वह आगे बढ़ गया और बाद में मंदिरों की रेकी की थी। आतंकी डॉ. सैयद के हैदराबाद वाले घर से जहां उसके अंतरराष्ट्रीय आतंकी व कट्टरपंथी संगठनों से जुड़े होने के सुबूत मिले, वहीं उत्तर प्रदेश के मोहम्मद सुहैल के घर से आइएस का झंडा मिला।
गुजरात एटीएस ने एक आरोपित और उसके हैंडलर के बीच इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म पर हुई बातचीत से \“हाउ टू स्टे एनानिमस\“ नामक डिजिटल साहित्य बरामद किया है। एटीएस ने नौ नवंबर को डा अहमद मोहियुद्दीन सैयद, आजाद सुलेमान शेख और मोहम्मद सुहैल खान को हथियारों और रसायनों के साथ बड़े आतंकी हमले की साजिश रचने के आरोप में गिरफ्तार किया था।
आतंकवाद के संदेह में गिरफ्तार अहमद सैयद
वरिष्ठ एटीएस अधिकारियों ने शुक्रवार को बताया कि उनके पास सात नवंबर की सीसीटीवी वीडियो फुटेज है, जिसमें आतंकवाद के संदेह में गिरफ्तार अहमद सैयद अहमदाबाद के मिर्जापुर रोड स्थित सिदी सैयद मस्जिद के पास होटल ग्रैंड एम्बियंस से बाहर निकलते हुए दिखाई दे रहा है।
जांचकर्ताओं को डिजिटल सुबूत भी मिले हैं
गुजरात में डॉ. अहमद की गिरफ्तारी के दौरान एटीएस को एक अन्य पार्सल से हथियार भी मिले, जिसका संबंध आजाद और सुहैल से था। अहमद की निशानदेही पर दोनों आरोपितों को बाद में गिरफ्तार कर लिया गया।
जांचकर्ताओं को डिजिटल सुबूत भी मिले हैं कि डा अहमद ने कथित तौर पर \“\“अबू खलेजा\“\“ नामक एक हैंडलर से वादा किया था कि वह एक बड़े काम को अंजाम देगा, जिससे उसके कट्टरपंथी होने की पुष्टि होती है।
अहमद ने डाक्टरेट की डिग्री हासिल करने के बाद कट्टरपंथ की राह पकड़ी
अहमद ने डाक्टरेट की डिग्री हासिल करने के बाद कट्टरपंथ की राह पकड़ी। जब उसकी पत्नी को उसके चरमपंथी विचारों का पता चला, तो शादी के महज दो महीने बाद ही उसने उससे अलग होने का फैसला कर लिया।
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