Digital Arrest का शिकार बने इंदौर के रिटायर अधिकारी, मनी लॉन्ड्रिंग कर डर दिखाकर 4.32 करोड़ ठगे
/file/upload/2025/11/6803287121386524081.webpसेवानिवृत्त मेडिकल अधिकारी को एक महीने तक डिजिटल अरेस्ट रख ठगे करोड़ों रुपये ( सांकेतिक तस्वीर)
जेएनएन, इंदौर। सेवानिवृत्त मेडिकल अधिकारी को एक महीने तक डिजिटल अरेस्ट कर उनके साथ चार करोड़ 32 लाख रुपये की ठगी का मामला सामने आया है।
ठग गैंग ने ट्राई (टेलीफोन रेगुलेटरी अथॉरिटी) अफसर बनकर पीड़ित को फोन किया और मुंबई में 538 करोड़ के मनी लांड्रिंग केस में उनके लिप्त होने की धमकी दी।
बाद में पुलिस, सुप्रीम कोर्ट जज बनकर बात की और एक महीने तक वसूली चलती रही। राज्य साइबर सेल ने मामले में तीन आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया है।
एसपी (साइबर) सव्यसाची सर्राफ के अनुसार मूलत: ग्वालियर निवासी 65 वर्षीय पीड़ित पत्नी के साथ इंदौर में रहते हैं। उनके पुत्र विदेश में रहते हैं। 21 सितंबर को ठग ने ट्राई का अफसर बनकर फोन किया। उनके दो मोबाइल नंबरों के स्कैम में उपयोग होने की धमकी दी।विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
ठग ने बाकायदा उनके मोबाइल और आधार कार्ड नंबर बताए और यह भी कहा कि जेट एयरवेज के मालिक नरेश गोयल द्वारा किए 538 करोड़ के गबन में भी उनके बैंक खातों का उपयोग हुआ है, इसके बदले उन्हें करोड़ों रुपयों का कमीशन मिला है।
आरोपितों ने गिरफ्तारी, जेल, जांच के नाम पर डिजिटल अरेस्ट किया और वीडियो कॉल पर ही पूछताछ की। उनसे बैंक खातों में जमा रुपये, एफडी, शेयर, म्युचुअल फंड, ज्वेलरी और प्लाट, मकान व फ्लैट की भी जानकारी ले ली।
नकली कोर्ट रूम बनाकर करते रहे पूछताछ
ठगों ने नकली कोर्ट रूम बनाकर पूछताछ की। पूछताछ में नकली ईडी और पुलिस अफसरों की एंट्री भी हुई। उनके विरुद्ध केस चलाने का स्वांग रचा गया। उन्हें पेश होने के निर्देश दिए और नकली जज से बात करवाई।
करीब एक माह तक ठग और पीड़ित के बीच वार्ता चलती रही। ठग ने चल अचल संपत्ति का सत्यापन करने के नाम पर चार करोड़ 32 लाख रुपये गुजरात, गोवा, उप्र, मप्र, तेलंगाना के खातों में जमा करवा लिए। गुरुवार को पुलिस ने मामले में तीन साइबर ठगों को गिरफ्तार किया है।
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