Chikheang Publish time 2025-11-22 02:10:09

खानी पड़ी घास..प्रेग्नेंट मां संग पैदल चल 9 महीने में पहुंचीं भारत, रुला देगी सलमान की सौतेली मां Helen की कहानी

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हेलेन के बचपन के संघर्ष की कहानी/ फोटो- Instagram



एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। हिंदी सिनेमा में जब भी केब्रे डांस की बात होती है, तो सबसे पहले दिमाग में दिग्गज अभिनेत्री हेलेन का नाम ही आता है। 21 नवंबर को जन्मीं हेलेन आज अपना 87वां जन्मदिन मना रही हैं। बैकग्राउंड डांसर के रूप में शुरुआत करने वाली हेलेन आज किसी पहचान की मोहताज नहीं हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

1958 में उन्हें \“मेरा नाम चिन चिन चू\“ गाने से बॉलीवुड में बड़ी पहचान मिली। इस सफलता के बाद हेलेन ने कभी भी पीछे पलट के नहीं देखा। उन्होंने \“पिया तू अब तो आजा\“ से लेकर \“आ जाने जा\“ जैसे कई सफल गानों पर स्पेशल नंबर से हिंदी सिनेमा में अपनी एक अलग जगह बना ली। बॉलीवुड में काम करते हुए ही उन्हें सलीम खान जैसे पति मिले और सलमान खान-अर्पिता जैसे प्यार बच्चे भी।

हालांकि, बॉलीवुड में एंट्री करने से पहले और खान खानदान का हिस्सा बनने से पहले हेलेन की जिंदगी में कई ऐसे मोड़ आए, जो किसी भी इंसान को तोड़कर रख दें। छोटी सी उम्र में उन्होंने वह दर्द झेला, जिसकी कल्पना भी बच्चे नहीं करते होंगे। उनके जन्मदिन के मौके पर जानिए हेलेन के बचपन के संघर्ष की रुला देने वाली कहानी:
जापान और म्यामांर युद्ध में हो गई थीं बेघर

हेलेन का जन्म 1938 में बर्मा ( प्रेजेंट-म्यामांर) में हुआ था। उनका पूरा नाम हेलेन एन रिचर्डसन है। अपने पूरे करियर में 750 से ज्यादा फिल्में करने वालीं हेलेन जब साल 2024 में सौतेले बेटे अरबाज खान के शो \“द इनविंसिबल\“ में खास मेहमान बनकर आई थीं, तो उन्होंने अपने बचपन का वह दर्दनाक किस्सा शेयर किया था, जब 1942 से 1945 के बीच दूसरे विश्व युद्ध के दौरान जापान ने बर्मा पर आक्रामण कर दिया था। उस दौरान म्यामांर के कई रहवासियों को अपना घर छोड़कर वहां से भागना पड़ा था, जिनमें से एक थीं हेलेन।

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हेलेन ने अरबाज से बात करते हुए कहा था, “इसका पूरा क्रेडिट मेरी मां को जाता है। मुझे बहुत ज्यादा कुछ याद नहीं हैं, लेकिन थोड़ी चीजें याद हैं। जापानी आक्रमण के बाद बर्मा में 300 से 350 लोगों को अपना घर छोड़ना पड़ा था। मेरे परिवार में मेरी मां, मेरा छोटा भाई और मैं थे। हम दोनों ही उस समय पर बहुत छोटे थे और मेरी मां उस समय प्रेग्नेंट थीं। इस दौरान ही मेरी मां ने मेरी छोटी बहन को खो दिया था“।
9 महीने में मां के साथ पहुंची थीं भारत

हेलेन ने अपनी बचपन के बारे में बात करते हुए आगे कहा, “जब हम बर्मा एयरपोर्ट पहुंचे और फ्लाइट लेने जा रहे थे, तभी जापानी आए और उन्होंने एयरक्राफ्ट पर बम डाल दिया। मुझे याद है कि जब एयरपोर्ट पर बम डाला गया, तो मेरी मां ने खुद को हम दोनों को ढक लिया और वह शील्ड की तरह रहीं। मेरी मां ने बस उस वक्त यही समझाया कि हमें एक-साथ रहना है और हम बर्मा से बाहर निकलने लगे“। हेलेन ने ये भी बताया कि 9 महीने बाद वह इंडिया पहुंचे थे।

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3 साल की उम्र में अपने पिता को बर्मा-जापान युद्ध में खोने वाली हेलेन ने जिंदगी के संघर्ष को याद करते हुए कहा था कि जब वह बर्मा से निकले थे, तो उन्होंने 6-7 महीनों तक जंगल और हर तरह का सफर करना पड़ा था। इस बीच भूख लगने पर उन्हें फूल और घास तक मजबूरी में खानी पड़ी। वह भारत में सबसे पहले असम आईं और उसके बाद वह कोलकाता आईं। इंडिया आने के दौरान उनके भाई को चिकन पॉक्स हो गया था, जिसकी वजह से उनके भाई की डेथ हो गई।

असम से वह कोलकाता आईं और वह से वो भाई को खोने के बाद नई दिल्ली आ गईं। 1947 में एक्ट्रेस मुंबई आईं, जहन उनकी मां ने नर्स की नौकरी की और अपने और हेलेन के खाने का इंतजाम किया। मुंबई आने के बाद उनकी मां कुकू जी से मिलीं और उन्होंने हेलेन के लिए बात की और छोटे-छोटे रोल्स के साथ उनकी बॉलीवुड जर्नी की शुरुआत हुई।

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