Jharkhand Politics: झारखंड में गठबंधन की समीक्षा को ले चल रहा मंथन, कांग्रेस खेमे में सतर्कता, राजद सहमा
/file/upload/2025/11/529067328749024727.webpबिहार विधानसभा चुनाव में झामुमो की अनदेखी से गठबंधन में किचकिच बढ़ गई है।
राज्य ब्यूरो, रांची। बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन की करारी हार के बाद झारखंड की सत्तारूढ़ गठबंधन में हलचल तेज हो गई है। झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने बिहार में अपने खाते में एक भी सीट न आने के बाद राज्य में मौजूदा गठबंधन की समीक्षा करने का ऐलान किया था। अब पार्टी के अंदर इस मुद्दे पर गहन मंथन चल रहा है, जिसकी गूंज राजद और कांग्रेस खेमों में सुनाई दे रही है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
इससे राजद खेमे में बेचैनी साफ दिख रही है। बिहार में सत्ता में वापसी की उम्मीद पाले राजद की नजर झारखंड पर है, जहां सरकार में दल से एक मंत्री हैं। पार्टी को डर है कि अगर झामुमो ने गठबंधन से दूरी बनाई तो उसका झारखंड में भी वजूद खतरे में पड़ सकता है।
हालांकि पार्टी के नेताओं ने इसे महज अफवाह बताया, लेकिन अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि तेजस्वी यादव ने हेमंत सोरेन के साथ समन्वय स्थापित करने की पहल आरंभ कर दी है। दूसरी तरफ कांग्रेस खेमे में सतर्कता का माहौल है। झारखंड में हेमंत सरकार को स्थिरता देने में कांग्रेस की भूमिका अहम है।
पार्टी नहीं चाहती कि गठबंधन में कोई दरार आए, क्योंकि इससे उसकी राष्ट्रीय छवि भी प्रभावित होगी। कांग्रेस आलाकमान ने प्रदेश प्रभारी और सह प्रभारी को झारखंड में गतिविधियों पर नजर रखने को कहा है। राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के करीबी नेताओं से लगातार फीडबैक लिया जा रहा है। कांग्रेस के एक नेता ने बताया कि किसी प्रकार की समस्या नहीं है। अगर ऐसा कुछ होता है तो हम राष्ट्रीय नेतृत्व को अवगत कराएंगे।
एनडीए में उत्साह का माहौल
इधर बिहार में एनडीए की प्रचंड जीत से भाजपा खेमे में जबरदस्त उत्साह है। नीतीश कुमार के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने गए आजसू पार्टी के सुप्रीमो सुदेश महतो ने साफ कहा है कि बिहार के नतीजे झारखंड पर भी असर डालेंगे। जनता बदलाव चाहती है।
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