गौतम गंभीर को दिल्ली HC से मिली बड़ी राहत, कोरोना महामारी की दूसरी लहर में दवाओं की जमाखोरी से जुड़ा है मामला
/file/upload/2025/11/4017240849804162634.webpगौतम गंभीर। फाइल फोटो
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। कोरोना महामारी के दौरान दवाओं की जमाखोरी और बिना लाइसेंस के वितरण के आरोपों पर दिल्ली हाई कोर्ट में इंडियन क्रिकेट टीम के मुख्य कोच गौतम गंभीर व उनके फाउंडेशन व सदस्यों के खिलाफ आपराधिक मामला खारिज कर दिया। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
गंभीर पर कोरोना महामारी की दूसरी लहर के दौरान दवाओं की जमाखोरी और बिना लाइसेंस बांटने के आरोप थे। गंभीर सहित अन्य ने ट्रायल कोर्ट के निर्णय के विरुद्ध हाईकोर्ट में अपील याचिका दायर की थी। न्यायमूर्ति नीना कृष्णा बंसल की पीठ ने याचिका स्वीकार करते हुए मामले को रद कर दिया।
29 अगस्त को अदालत ने मामले में सभी पक्षों को सुनने के बाद अपना निर्णय सुरक्षित रख लिया था। ट्रायल कोर्ट के निर्णय के विरुद्ध गौतम गंभीर फाउंडेशन, गौतम गंभीर, उनकी मां सीमा गंभीर और पत्नी नताशा गंभीर ने अपील याचिका दयार की थी।
उन्होंने ट्रायल कोर्ट द्वारा पास किए गए समन आर्डर और उनके खिलाफ आपराधिक शिकायत को भी चुनौती दी थी। इससे पहले हाई कोर्ट ने 26 अगस्त ट्रायल कोर्ट की कार्यवाही पर रोक लगाने से इन्कार कर दिया था और नौ अप्रैल को पास किए गए पहले के आदेश को वापस ले लिया था। इसमें ट्रायल कोर्ट की कार्यवाही पर लगी रोक हटा दी गई थी।
सितंबर 2021 में एक समन्वय पीठ ने गंभीर और दूसरों के खिलाफ ट्रायल कोर्ट की कार्यवाही पर रोक लगा दी थी। दिल्ली सरकार के ड्रग कंट्रोलर ने ड्रग्स एंड कास्मेटिक्स एक्ट- 1940 के नियमों का उल्लंघन करने के लिए गौतम गंभीर फाउंडेशन, उसके ट्रस्टी और सीईओ के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था।
इसके अलावा आम आदमी पार्टी के तत्कालीन विधायक प्रवीण कुमार और इमरान हुसैन के खिलाफ भी इसी तरह के आरोपों पर मुकदमा चलाया गया था। जांच टीम ने गौतम गंभीर और तत्कालीन आप विधायकों के खिलाफ फ्री मेडिकल कैंप लगाते समय काेरोना महामारी की दवाओं और ड्रग्स की जमाखोरी और गैर-कानूनी भंडारण का आरोपों की जांच की थी।
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