लाल किला धमाके में शामिल आतंकियों का क्या है हमास कनेक्शन? NIA ने किया खुलासा
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) के सूत्रों ने शुक्रवार दोपहर मीडिया को यह जानकारी दी कि भारत में आतंकवादी, जो खुद को डॉक्टर या मेडिकल स्टाफ के रूप में पेश कर रहे हैं, अस्पतालों और मेडिकल सेंटरों में स्टाफ के लॉकर का इस्तेमाल हथियार और विस्फोटक रखने के लिए कर सकते हैं – जैसे गाजा में हमास करता है। सूत्रों ने बताया कि इसके पीछे कोई आतंकी सलाहकार हो सकता है।एंटी-टेरर एजेंसी 10 नवंबर को दिल्ली के लाल किले के बाहर हुए कार बम विस्फोट की जांच कर रही है, जिसमें 15 लोग मारे गए थे। उस हमले से जुड़े कम से कम तीन संदिग्ध - मोहम्मद शकील, आदिल अहमद राठेर और शाहीन सईद - और अमोनियम नाइट्रेट फ्यूल ऑयल से भरी हुंडई i20 कार चलाने और उसमें विस्फोट करने वाले आतंकवादी, उमर मोहम्मद – सभी के पास डॉक्टर के रूप में कवर जॉब थी।
शकील और मोहम्मद हरियाणा के फरीदाबाद स्थित अल-फलाह अस्पताल में काम करते थे, जबकि राठेर जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग स्थित सरकारी मेडिकल कॉलेज में कार्यरत था। जब जम्मू-कश्मीर पुलिस की एक टीम ने GMC में छापा मारा तो राठेर के लॉकर से एक असॉल्ट राइफल और गोला-बारूद बरामद हुआ। वहीं, सईद की एक कार से एक राइफल और गोला-बारूद मिला।
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अस्पताल को आतंकी गतिविधियों से नहीं जोड़ा जाता
संदिग्धों से पूछताछ करने पर मिली खुफिया जानकारी ने NIA को अनंतनाग, बारामूला और बडगाम जिलों के अस्पतालों को हथियार भंडारण केंद्रों में बदलने की आतंकवादियों की योजना के बारे में सचेत कर दिया। आतंकियों का सोचना था कि मेडिकल सुविधाओं को आम तौर पर आतंकवाद या आतंकवादी गतिविधियों से जोड़ा नहीं जाता।
सुत्रों के अनुसार, इस प्लानिंग में गंभीर संकेत थे कि कैसे हथियारों को बड़े गाजा अस्पतालों में छिपाया गया था। उदाहरण के लिए, जून में इजराइली सेना ने अल-शिफा अस्पताल के नीचे हमास द्वारा निर्मित सुरंगों का एक नेटवर्क मिलने का दावा किया था। उन्होंने कहा था कि इन सुरंगों में हथियार छिपाए गए थे और ये कमांड-एंड-कंट्रोल सेंटर के रूप में काम करती थीं।
NIA सूत्रों ने दी जानकारी
NIA सूत्रों ने बताया कि लाल किला विस्फोट के पीछे 10 सदस्यीय ‘टेरर डॉक्टर\“ मॉड्यूल - जिसे खुफिया एजेंसियों ने पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद से जोड़ा है - की भी ऐसी ही योजनाएं थीं।
अगर यह सच है, तो इसका मतलब होगा कि पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन और लाल किला कार बम विस्फोट की साजिश रचने वाले आतंकवादियों के बीच कॉन्टैक्ट और बढ़ गया है, और इसका संबंध हमास से भी जुड़ता है। सूत्रों ने बताया कि यह खुफिया जानकारी राठेर से पूछताछ के दौरान सामने आई।
आदिल राठेर \“टेरर डॉक्टर\“ मामले में गिरफ्तार किया गया पहला संदिग्ध था, जिसकी पहचान जम्मू-कश्मीर के नौगाम में जैश-ए-मोहम्मद के समर्थन में पोस्टर लगाने वाले व्यक्ति के रूप में हुई थी। उसे उत्तर प्रदेश के सहारनपुर से पकड़ा गया था और उसने जो जानकारी दी, वह अल-फलाह के \“आतंकी डॉक्टरों\“ का पर्दाफाश करने में अहम साबित हुई।
अल-फलाह अस्पताल इस मामले का केंद्र बिंदु बन गया है; गुरुवार को सूत्रों ने बताया कि इस अस्पताल में काम करने वाले 200 से ज्यादा पुरुषों और महिलाओं की लाल किला हमले या अन्य आतंकी हमलों से संभावित संबंधों की जांच की जा रही है। बुधवार को पता चला कि कम से कम 10 ऐसे संदिग्ध \“गायब\“ हो गए हैं। पुलिस उन्हें ढूँढने की कोशिश कर रही है, लेकिन उनके फोन बंद हैं।
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