अब जागेश्वर धाम में बनेगी पुजारियों की सरकार, आगामी छह दिसंबर को होंगे चुनाव
/file/upload/2025/11/2283077790067180305.webpजागेश्वर धाम में इस वर्ष एक अनोखा लोकतांत्रिक आयोजन. File
जागरण संवाददाता, अल्मोड़ा: देश के प्रमुख धामों शामिल जागेश्वर धाम में इस वर्ष एक अनोखा लोकतांत्रिक आयोजन होने जा रहा है। यहां 6 दिसंबर को पुजारियों के प्रतिनिधि के चुनाव संपन्न होंगे, जिसके बाद धाम में कार्यरत पुजारियों की नई “सरकार” बनेगी। यह देश का पहला ऐसा मंदिर माना जाता है, जहां पुजारियों का प्रतिनिधि मतदान के माध्यम से चुना जाता है। पुजारी प्रतिनिधि का कार्यकाल तीन वर्ष का होता है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
इस चुनाव को हाईकोर्ट की गाइडलाइन के अनुसार कराया जाएगा। पूरी प्रक्रिया प्रशासन की देखरेख में संपन्न होगी, ताकि मतदान पारदर्शी और शांतिपूर्ण ढंग से हो सके। निर्वाचन अधिकारियों के अनुसार मंदिर से जुड़े विभिन्न वर्गों के सौ से अधिक पुजारी इस बार मतदान करेंगे। चुनाव के लिए मतदाता सूची अपडेट कर ली गई है तथा उम्मीदवारों के नामांकन की प्रक्रिया भी अंतिम चरण में है।
जागेश्वर धाम में पुजारी प्रतिनिधि की भूमिका काफी महत्वपूर्ण मानी जाती है। यह प्रतिनिधि न सिर्फ धार्मिक व्यवस्था का समन्वय करता है, बल्कि पूजा-पाठ, त्यौहार प्रबंधन, श्रद्धालुओं की व्यवस्था और पुजारियों के आंतरिक मामलों में भी अहम जिम्मेदारी निभाता है। इसलिए हर बार चुनाव को लेकर पुजारियों में विशेष उत्साह देखा जाता है।
स्थानीय प्रशासन ने मतदान केंद्र को सुरक्षित, सुव्यवस्थित और तकनीकी रूप से तैयार करने के निर्देश दिए हैं। सुरक्षा के मद्देनज़र धाम परिसर में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया जाएगा। चुनाव परिणाम उसी दिन घोषित किए जाने की संभावना है। जागेश्वर में होने वाला यह लोकतांत्रिक चुनाव धार्मिक परंपराओं और आधुनिक प्रशासनिक व्यवस्था का अनूठा संगम पेश करता है।
प्रबंधक और उपाध्यक्ष के पद लंबे से खाली
अल्मोड़ा: हाईकोर्ट के आदेश पर गठित जागेश्वर मंदिर प्रबंधन समिति का सिस्टम क्रैश होने वाला है। हाईकोर्ट के आदेशानुसार जागेश्वर धाम की गतिविधियों का संचालन मंदिर समिति के जिम्मे होता है। मंदिर समिति के डीएम पदेन अध्यक्ष होते हैं। जबकि तीन-तीन साल के लिए प्रबंधक और अवैतनिक उपाध्यक्ष की नियुक्ति राज्यपाल स्तर से होती है।
प्रबंधक का कार्यकाल अक्टूबर 2024 में खत्म हो गया था। तब से मंदिर समिति में प्रशासन की नियुक्ति चल रही है। इसके अलावा मंदिर समिति में उपाध्यक्ष का कार्यकाल भी इसी साल बीते 14 अगस्त को खत्म हो गया था। प्रशासन ने प्रबंधक की नियुक्ति प्रक्रिया के लिए बीते जुलाई 2024 में ही विज्ञप्ति जारी कर दी थी। लेकिन किसी कारणवश वह कार्रवाई आगे नहीं बढ़ पाई। उपाध्यक्ष पद के लिए विज्ञप्ति तक जारी नहीं की है। जबकि नियमानुसार विज्ञप्ति उपाध्यक्ष के कार्यकाल पूरा होने से दो महीने पहले ही जारी हो जानी चाहिए थी। इस बड़ी भूल के चलते पांच सदस्यीय मंदिर समिति में दो कुर्सियां लंबे समय से खाली चल रही हैं।
पुजारियों के चुनाव की तैयारियां पूरी है। तय समय पर ही चुनाव प्रक्रिया पूरी की जाएगी। - संजय कुमार, एसडीएम, सदर व भनोली, अल्मोड़ा
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