खास होगा 39वां अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड मेला, राष्ट्रीयता एवं सामाजिक सरोकार से जुड़ेंगे देश-विदेश के पर्यटक
/file/upload/2025/11/8554617423560645291.webpजागरण संवाददाता, फरीदाबाद। नए वर्ष 2026 में लगने वाला 39वां अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड हस्तशिल्प मेला देश-विदेश के पर्यटकों को राष्ट्रीयता और सामाजिक सरोकारों से जोड़ेगा। पर्यावरण संरक्षण, प्रकृति प्रेम, स्वच्छता अभियान, राष्ट्र प्रेम, बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ, जल संरक्षण जैसे सरोकार पर आधारित रंगोली तथा चित्रकला प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
देशभक्ति व कला-संस्कृति से जुड़ी गायन व नृत्य प्रतियोगिताएं भी होंगी। जिला शिक्षा विभाग के सहयोग से मेला परिसर स्थित नाट्यशाला में आठवीं से बारहवीं कक्षा के विद्यार्थियों के लिए विभिन्न प्रतियोगिताएं होंगी। इस बार नए वर्ष में
31 जनवरी से 15 फरवरी तक मेले का आयोजन किया जाएगा। इस दौरान हाेने वाली विभिन्न प्रतियोगिताओं में प्रतिदिन अलग-अलग स्कूलों के 300 से अधिक बच्चों को प्रतिभा प्रदर्शन का अवसर प्रदान किया जाएगा।
हरियाणा पर्यटन निगम का उद्देश्य है कि बच्चों को प्रतिभा प्रदर्शन के साथ ही सामाजिक सरोकार से भी जोड़ा जाए। बच्चों की प्रस्तुति से मेले में आने वाले पर्यटकों तक भी सामाजिक सरोकार का संदेश जाएगा।
हरियाणा पर्यटन निगम ने मेले के आयोजन की तैयारी तेज कर दी है। इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश और मेघालय को मेले का थीम स्टेट बनाया गया है। पूर्वोत्तर के आठ राज्यों में मेघालय के साथ ही अरुणाचल, सिक्किम, नागालैंड, असम, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा की सांस्कृतिक भागीदारी रहेगी। मिस्र को पार्टनर कंट्री बनाए जाने की पहले ही घोषणा की जा चुकी है।
इस वर्ष गुलजार हुई थी नाट्यशाला
मेला परिसर के गेट नंबर दो के सामने बनी नाट्यशाला को कई वर्षों बाद इस वर्ष सात से 23 फरवरी तक लगाए गए मेले में गुलजार किया गया था। इस वर्ष विभिन्न प्रतियोगिताओं में पांच हजार से अधि लिया था।
इस वर्ष मेले में आए थे हस्तशिल्पी
[*]1220 कुल हस्तशिल्पी।
[*]27 राज्य।
[*]02-थीम स्टेट, ओडिशा व मध्य प्रदेश।
[*]80-शिल्पी, ओडिशा व मध्य प्रदेश
[*]40-फूड स्टाल।
[*]30-स्टाल, पूर्वोत्तर राज्य।
[*]18.10 लाख, 17 दिनों में पर्यटकों ने किया था मेले का दीदार
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मेला परिसर में मुख्य चौपाल पर विभिन्न सांस्कृति कार्यक्रमों के साथ ही नाट्यशाला में बच्चों के कार्यक्रम होंगे। निजी और सरकारी स्कूलों के बच्चों को प्रस्तुति का मौका दिया जाएगा। उत्कृष्ट प्रदर्शन करने पर बच्चों को पुरस्कृत किया जाएगा।
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- हरविंद्र सिंह यादव, नोडल अधिकारी, सूरजकुंड मेला
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