12 साल से आपके घर में रह रहा किराएदार बन जाएगा मकान मालिक? क्या है इसे लेकर नियम
/file/upload/2025/11/3734527468450152844.webpनई दिल्ली। काम के सिलसिले में लोग बड़े शहरों में आकर बसने लगते हैं। इतने बड़े और भीड़-भाड़ वाले शहर में खुद का घर लेना मुश्किल है। इसलिए लोग किराए के मकान या कमरे का सहारा लेते हैं। ये कॉन्सेप्ट ज्यादातर शहरों में ही देखने को मिलता है। ऐसे में मालिक के बीच एक डर रहता है कि अगर कोई किराएदार लगातार 12 साल तक रह रहा है, तो वे उनके मकान का मालिक बन जाएगा। क्या ऐसा सच में कोई नियम है? विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
क्या सच में है ऐसा कोई नियम?
अक्सर लोग इस कॉन्सेप्ट को सही बताने के लिए एडवर्स पजेशन नियम का उदाहरण देते हैं। लेकिन क्या सच में एडवर्स पजेशन नियम के तहत किराएदार मकान मालिक बन जाता है? लोगों के मन में अक्सर ये अवधारणा देखने को मिली है कि अगर कोई किराएदार 12 साल तक किराए में रहता है, तो वे मकान मालिक बन जाता है। हमने इस कन्फ्यूजन को दूर कर करने के लिए सुप्रीम कोर्ट के एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड अश्विनी दुबे से बातचीत की।
क्या कहता है एडवर्स पजेशन नियम?
[*]सुप्रीम कोर्ट के एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड अश्विनी दुबे ने बताया कि-
[*]एडवर्स पजेशन क्लेम करने के लिए लगातार कब्जा जरूरी है।
[*]कब्जा बिना किसी रुकावट के और लगातार होना चाहिए।
[*]कब्जे की सार्वजनिक जानकारी होनी चाहिए: कब्जा खुला और सभी की जानकारी में होना चाहिए, यानी छिपा हुआ नहीं होना चाहिए।
क्या किराएदार पर भी लागू होता है?
[*]आम तौर पर, किराएदार एडवर्स पजेशन का दावा नहीं कर सकते क्योंकि वे मालिक की अनुमति से संपत्ति पर होते हैं।
[*]सरकारी जमीन पर लागू नहीं: यह सिद्धांत सरकारी जमीन पर लागू नहीं होता है।
[*]सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले के अनुसार, एडवर्स पजेशन के आधार पर कोई व्यक्ति अब मालिकाना हक के लिए मुकदमा भी दायर कर सकता है।
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