ADO के हाथों अब ग्राम पंचायतों में विकास कार्यों का जिम्मा, लापरवाही मिलने पर होगी कार्रवाई
/file/upload/2025/11/8248914285437859311.webpजागरण संवाददाता, उन्नाव। जनपद की 1037 ग्राम पंचायतों में स्वच्छ भारत मिशन से लेकर संचालित डेढ़ दर्जन योजनाओं के अंतर्गत सिर्फ धन ही खर्च हो रहा है अथवा धरातल पर कुछ विकास भी हुआ है। यदि विकास हुआ है तो इसकी गुणवत्ता क्या है, कहीं काम में खानापूरी तो नहीं की गई है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
इस बात की हकीकत जिले भर की ग्राम पंचायतों में एडीओ पंचायत परखेंगे। जिला पंचायतीराज अधिकारी आलोक सिन्हा ने बताया कि प्रत्येक एडीओ पंचायत को सप्ताह में दो गांव का निरीक्षण करना होगा। वहीं कुल 16 एडीओ पंचायत मिलकर जहां एक महीने में 128 ग्राम पंचायतों का निरीक्षण करेंगे।
जब तक 1037 ग्राम पंचायतों में धरातल पर विकास योजनाओं की हकीकत परख नहीं ली जाएगी तब तक यह निरीक्षण सतत चलेगा। वहीं विकास कार्यों में हीलाहवाली पाए जाने पर संबंधित सचिवों पर सख्त कार्रवाई भी की जाएगी। जिसमें निलंबन की कार्रवाई तक प्राथमिकता पर रहेगी।
जनपद में स्वच्छता के लिए एसबीएम में घर-घर शौचालय, गांव में सामुदायिक शौचालय, एसएलडब्ल्यूएम में सोख पिट, कंपोस्ट पिट, नालियां आदि के अलावा आरआरसी सेंटर आदि कामों की बदौलत ओडीएफ प्लस का तमगा जिले मिल चुका है। इन कामों को गांव में कराए जाने के लिए अब तक अरबों रुपये जारी व खर्च किए जा चुके हैं।
बावजूद ग्राम पंचायतों में न तो साफ-सफाई है, नही कराये गए विकास कार्यों का कोई असर दिख रहा है। यहां तक कि कई ग्राम पंचायतो में तो प्रधान व सचिव की मिलीभगत से विकास कार्यों में खानापूरी और बजट साफ करने की नियत हुई शिकायतों में जांच के बाद कार्रवाई से साफ नजर आ रही है।
जिस पर धरातलीय जांच का शिकंजा डीपीआरओ ने कसने की रूपरेखा तय कर दी है। डीपीआरओ ने बताया कि एक ब्लाक के एडीओ पंचायत द्वारा विकासखंड की सभी ग्राम पंचायतों का निरीक्षण किया जाएगा। जनपद में 16 ब्लाक हैं। इस प्रकार प्रत्येक ब्लाक का
एडीओ मिलाकर कुल 16 सहायक विकास अधिकारी ग्राम पंचायतों का निरीक्षण कर रिपोर्ट डीपीआरओ को देंगे। जिसके बाद सचिव के जवाब के आधार पर कार्रवाई होगी।
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