कानपुर में जेल से रिहा हुए आरोपी की इलाज के दौरान मौत, पुलिस पर प्रताड़ना का आराेप
/file/upload/2025/11/6616555103338447667.webpजागरण संवाददाता, कानपुर। नवाबगंज थानाक्षेत्र के गड़रियनपुरवा मुहल्ले में बीते दो सितंबर को युवक से मारपीट और तेजाब डालने के मामले में जेल से छूटे युवक की गुरुवार शाम निजी अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई। स्वजन ने पुलिस पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
हालांकि उन्हाेंने पोस्टमार्टम कराए बिना ही शव का अंतिम संस्कार कर दिया। घटना को लेकर एक वीडियो प्रचलित हो रहा है जिसमें तेजाब से झुलसे व्यक्ति के दोस्त को इलाज के लिए चौकी में रुपये दिए जा रहे हैंं।
गड़रियनपुरवा निवासी सर्वेश गुप्ता ने बीते दो सितंबर को आरोप लगाया कि मुहल्ले के राजेश पाल उसके भाई दिनेश पाल साथी पप्पू पाल समेत चार लोगों ने मिलकर उसे मारापीटा और तेजाब डाल दिया। राजेश पाल ने समझौता करते हुए सर्वेश को इलाज कराने के लिए चौकी में उसके दोस्त कुलदीप सोनी को 20 हजार रुपये दिए जिसका वीडियो भी बनाया गया।
इसके बावजूद सर्वेश ने राजेश पाल उसके भाई दिनेश और पप्पू पाल समेत चार के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया। बीमार चल रहे राजेश पाल को शुगर की बीमारी थी जिसके चलते पुलिस उसे गिरफ्तार नहीं कर रही थी। 28 अक्टूबर को राजेश ने कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया जहां से उसे जेल भेज दिया गया।
13 नवंबर को उसे जेल से जमानत पर रिहा कर दिया गया। पुरानी बीमारी के चलते राजेश की हालत बिगड़ी तो स्वजन ने काकादेव स्थित ट्यूलिप अस्पताल में भर्ती कराया जहां गुरुवार देर शाम उसकी मौत हो गई। जिसके बाद स्वजन ने पुलिस पर प्रताड़ना का आरोप लगा दिया।
नवाबगंज थाना प्रभारी केशवकुमार तिवारी ने बताया कि युवक ने खुद को कोर्ट में आत्मसमर्पण किया जिसके बाद उसे जमानत पर रिहा कर दिया गया। जहां बीमारी से उसकी मौत हो गई। स्वजन ने किसी प्रकार का आरोप नहीं लगाया है और न ही तहरीर दी उन्होंने पोस्टमार्टम कराए बिना ही शव का अंतिम संस्कार कर दिया है।
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