42 लाख की ठगी प्रकरण में भूमि अधिग्रहण अमीन निलंबित, डीएम ने दिए प्राथमिकी दर्ज कराने के आदेश
/file/upload/2025/11/7628393507251050120.webpतस्वीर का इस्तेमाल प्रतीकात्मक प्रस्तुतीकरण के लिए किया गया है। जागरण
जागरण संवाददाता, महराजगंज। जिले में रेलवे भूमि अधिग्रहण से जुड़े किसान से 42 लाख रुपये के धोखाधड़ी प्रकरण में जिला प्रशासन ने गुरुवार को बड़ी कार्रवाई की है। जिलाधिकारी संतोष कुमार शर्मा ने अपर जिलाधिकारी न्यायिक नवनीत गोयल की जांच रिपोर्ट में दोषी पाए गए भूमि अध्याप्ति कार्यालय के भूमि अधिग्रहण अमीन आकाश चंद बादल को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। वहीं पूरे प्रकरण में शामिल एक अस्पताल संचालक डा. एएच खुशरों और प्रेमचंद वर्मा के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराने के लिए विधिक राय लेने का निर्देश दिया है। इस कार्रवाई के बाद हड़कंप मचा हुआ है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
घुघली-आनंदनगर बाया महराजगंज नई रेल लाइन परियोजना में भूमि अधिग्रहण के दौरान पकड़ी नौनिया गांव निवासी मो. उमर खान ने छह अक्टूबर को जिलाधिकारी को शिकायत करते हुए एसएलओ कार्यालय के बाबू आकाश चंद बादल और एक अस्पताल संचालक द्वारा उनकी भूमि की मालियत बढ़ाकर अधिक मुआवजा दिलाने का झांसा देकर 42 लाख रुपये की ठगी का आरोप लगाया था।
शिकायतकर्ता ने जिलाधिकारी को बैंक स्टेटमेंट भी उपलब्ध कराई थी। दी गई शिकायत पर अपर जिलाधिकारी (न्यायिक) नवनीत गोयल द्वारा की गई जांच में खुलासा हुआ कि भूमि अध्याप्ति कार्यालय के भूमि अधिग्रहण आकाश चंद बादल, एमएम हास्पिटल, ग्राम पिपरा बाबू (रमपुरवा) के संचालक डा. एएच. खुसरो, तथा साधोचक उर्फ मोहम्मदपुर कम्हरिया कला निवासी प्रेमचंद वर्मा द्वारा आपस में गठजोड़ कर एक संगठित गिरोह की तरह कार्य किया गया। जांच में यह भी पाया गया कि इन तीनों ने साठगांठ कर सुनियोजित तरीके से षड्यंत्र रचकर शिकायतकर्ता को भ्रमित किया और कुल 42 लाख रुपये की वित्तीय हानि पहुंचाई।
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एडीएम (न्यायिक) की रिपोर्ट में तीनों को प्रथम दृष्टया दोषी करार देते हुए इनके विरुद्ध तत्काल अनुशासनिक कार्रवाई और एफआईआर दर्ज कराने की संस्तुति की गई। इस रिपोर्ट के आधार पर जिलाधिकारी संतोष कुमार शर्मा ने भूमि अधिग्रहण अमीन आकाश चंद बादल को उत्तर प्रदेश सरकारी सेवक नियमावली के तहत तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। साथ ही उनके विरुद्ध विभागीय कार्यवाही भी संस्थित की गई है।
किसान से ब्लैंक चेक के माध्यम से 42 लाख रुपये की ठगी के प्रकरण में जांच कराई गई है। जांच में कुल तीन लोग शामिल पाए गए हैं। इसमें भूमि अध्याप्ति कार्यालय के लिपिक आकाशचंद बादल की संलिप्तता के कारण उन्हें निलंबित कर दिया गया है। वहीं विधिक राय लेते हुए प्राथमिकी दर्ज कराने के निर्देश भी दिए गए हैं।
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-संतोष कुमार शर्मा, जिलाधिकारी
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