बूटा सिंह पर जातिसूचक टिप्पणी के आरोप में फंसे वडिंग को राहत, हाईकोर्ट का Punjab सरकार को नोटिस, अनुसूचित जाति आयोग जांच में दखल नहीं देगा
/file/upload/2025/11/946591429353825462.webpराजा वडिंग ने तरनतारन उपचुनाव के दौरान उनके खिलाफ आयोग द्वारा शुरू की गई संज्ञान कार्रवाई को चुनौती दी।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। पूर्व मंत्री बूटा सिंह पर जातिसूचक टिप्पणी करने के आरोप में फंसे पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वडिंग को बड़ी राहत देते हुए पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने उनकी याचिका पर पंजाब सरकार को नोटिस जारी किया है। साथ ही अदालत ने स्पष्ट निर्देश दिया है कि पंजाब राज्य अनुसूचित जाति आयोग इस मामले की किसी भी प्रकार की जांच या कार्यवाही में फिलहाल दखल नहीं देगा। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
राजा वडिंग ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर तरनतारन उपचुनाव के दौरान उनके खिलाफ आयोग द्वारा शुरू की गई संज्ञान कार्रवाई को चुनौती दी है। मामला 2 नवंबर के उस बयान से जुड़ा है, जो वडिंग ने पूर्व केंद्रीय मंत्री बूटा सिंह को लेकर चुनाव प्रचार के दौरान दिया था। इस बयान के आधार पर आयोग ने स्वतः संज्ञान लेते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई शुरू की थी।
याचिका में राजा वडिंग ने कहा है कि इस कथित बयानबाजी को लेकर 4 नवंबर को पहले ही उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज हो चुकी है, इसलिए आयोग द्वारा समानांतर कार्रवाई करना कानूनन गलत है। उन्होंने इसे “डबल प्रोसिडिंग” बताते हुए स्टे की मांग की थी।
वडिंग ने आयोग के चेयरमैन जसवीर सिंह गढ़ी पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं।
वडिंग का कहना है कि गढ़ी राजनीतिक रंजिश के चलते लगातार मीडिया में उनके खिलाफ बयान दे रहे हैं, जिससे साबित होता है कि आयोग निष्पक्ष नहीं है और कार्रवाई राजनीतिक उद्देश्य से प्रेरित है। हाईकोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए राज्य सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
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