बरबीघा से जदयू के दिग्गज डॉ. अशोक चौधरी को मिली नीतीश कैबिनेट में जगह, बनाए गए मंत्री
/file/upload/2025/11/2261020888452373205.webpशेखपुरा में डॉ. अशोक चौधरी के मंत्री बनने पर खुशी। फोटो जागरण
संवाद सहयोगी, बरबीघा। डॉ. अशोक चौधरी ने 2000 में बरबीघा के विधायक के रूप में अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की और उन्हें कारा राज्य मंत्री बनाया गया।
2005 के फरवरी में हुए चुनाव में उन्होंने जीत हासिल की, लेकिन अक्टूबर में पुनः मतदान में उन्हें हार का सामना करना पड़ा। 2010 में बरबीघा विधानसभा आरक्षित श्रेणी से बाहर होकर सामान्य सीट बन गई। इसके बावजूद, अशोक चौधरी सामान्य उम्मीदवार बनकर चुनाव में उतरे और दूसरे स्थान पर रहे। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
अशोक चौधरी के पिता डॉ. महावीर चौधरी 1980 से 1995 तक कांग्रेस पार्टी से चार बार विधायक रहने के साथ मंत्री पद पर भी रहे। वे अपनी सहज और सामंजस्यपूर्ण राजनीति के लिए जाने जाते थे। उन्हें बिहार केसरी डा. श्रीकृष्ण सिंह का सानिध्य प्राप्त हुआ था।
अशोक चौधरी ने किशोरावस्था से ही पिता के साथ राजनीति में कदम रखा और कांग्रेस में मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई। वे प्रदेश अध्यक्ष बने और बाद में लालू यादव की पार्टी से गठबंधन का विरोध करते हुए जदयू में शामिल हो गए।
वे बिहार में तीन बार मंत्री रह चुके हैं। उन्हें शिक्षा विभाग, भवन निर्माण विभाग और ग्रामीण कार्य विभाग का जिम्मा सौंपा गया था। उनकी पुत्री शांभवी लोजपा (रामविलास) पार्टी से समस्तीपुर की सांसद हैं।
अशोक चौधरी की जीत पर इंद्रमोहन टुन्ना, अरविंद सिंह, अजय सिंह, अविनाश काजू, प्रिंस, छोटी, बीजेपी नेता बरुण सिंह, शंकु सिंह, चिंटू सिंह आदि ने बधाई दी है।
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