Araria News: दहेज में नहीं मिली बाइक, तो पत्नी का घोंटा गला; कोर्ट ने पति को दी उम्रकैद की सजा
/file/upload/2025/11/6932486932566467320.webpदहेज को लेकर पत्नी की हत्या के मामले में पति को उम्रकैद। सांकेतिक तस्वीर
संवाद सूत्र, अररिया। दहेज में एक बाइक की मांग पूरी नहीं करने पर जोगबनी स्थित टिकुलिया बस्ती में ब्याही गई सरस्वती देवी की हत्या उसके पति और ससुराल वालों ने करीब पांच साल पहले गला दबाकर कर दी थी।
इस मामले की सुनवाई अररिया न्याय मंडल के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश चतुर्थ रवि कुमार की अदालत में पूरी हुई। गुरुवार को सजा की बिंदु पर सुनवाई के बाद मृतका के पति कार्तिक सहनी उर्फ सरजू सहनी को उम्रकैद की सजा सुनाई गई, साथ ही पचास हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
यदि जुर्माना नहीं भरा गया, तो छह महीने की अतिरिक्त सजा काटने का भी आदेश दिया गया। वहीं, अदालत ने दो महिला आरोपितों को साक्ष्य के अभाव में रिहा कर दिया।
इस मामले में सत्र वाद संख्या-407/2022 लंबित था। मृतका सरस्वती देवी के पति कार्तिक सहनी, उसकी मां ललीता देवी और मृतका की गोतनी रूबी देवी के खिलाफ सेशन वाद चल रहा था। इस मामले में मृतका के ससुर सत्य नारायण सहनी, चचीया ससुर बीरजू सहनी और देवर मनोज सहनी के खिलाफ अभी पूरक अनुसंधान जारी है।
आरोप के अनुसार, घटना की तिथि 12 जनवरी 2022 को मृतका के पिता सत्य नारायण चौधरी को बेटी की तबीयत खराब होने की सूचना मिली। जब वे ससुराल पहुंचे, तो वहां उनकी बेटी मृत पाई गई।
पता चला कि ससुराल वालों ने सरस्वती देवी की गला दबाकर हत्या कर दी थी। इसके बाद मृतका के पिता ने जोगबनी थाना में कांड संख्या-08/2022 दर्ज कराया। इसमें उल्लेख था कि सरस्वती देवी की शादी सत्य नारायण चौधरी के पुत्र कार्तिक सहनी से हुई थी।
ससुराल वाले दहेज में एक बाइक की मांग कर रहे थे, जिसे पूरा न करने पर सरस्वती को प्रताड़ित किया जाता था। दहेज की मांग पूरी न करने पर उसे जहर भी पिलाया गया था, लेकिन इलाज के बाद वह ठीक हो गई। इस स्थिति में पिता ने बेटी को ससुराल से बिदाई कर घर ले आए।
घटना के पांच दिन पहले सरस्वती देवी को उसके ससुराल वालों ने जन्मदिन की पार्टी में शामिल होने का बहाना बनाकर विदाई कर अपने घर ले गए। इसके बाद कुछ दिनों बाद उसकी गला दबाकर हत्या कर दी गई।
मुख्य आरोपित कार्तिक सहनी 13 जनवरी 2022 को गिरफ्तार हुआ और जेल में बंद रहा। अदालत ने 30 सितंबर 2022 को आरोप गठित किया और 2 नवंबर 2022 से साक्ष्य के लिए मामला लंबित रहा।
अदालत ने सक्रियता दिखाते हुए मामले को न्याय के अंतिम मुकाम पर लाया। इस मामले में सरकार की ओर से एपीपी प्रभा कुमारी और बचाव पक्ष से अधिवक्ता रविन्द्र विश्वास ने भाग लिया। अदालत ने सजा की बिंदु पर दोनों पक्षों की बहस सुनी और दहेज हत्या के मामले में कार्तिक सहनी को आजीवन कैद की सजा सुनाई।
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