सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद GRAP के नियमों में जल्द होगा बदलाव, अब पहले ही चरण में कड़े प्रावधान होंगे लागू
/file/upload/2025/11/7755219243988926860.webpप्रदूषण के रोकथाम के लिए ग्रेप के पहले ही चरण में कड़े प्रवधान किए जाएंगे लागू।
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) के सुझाए गए अल्प-कालिक उपायों के तहत सुप्रीम कोर्ट ने ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) में बड़े बदलावों की अनुमति दे दी है। नए सिस्टम के मुताबिक कड़े नियम अब पहले ही चरण में लागू हो जाएंगे। यानी जो प्रतिबंध पहले स्टेज चार में तब लगते थे जब एक्यूआई 450 से ऊपर जाता था, वे अब स्टेज तीन में ही लागू हो जाएंगे। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
इसी तरह से स्टेज तीन के नियम स्टेज दो पर और स्टेज दो के निर्देश स्टेज एक पर लागू किए जाएंगे। इसका मकसद यही है कि प्रदूषण को खतरनाक स्तर पर पहुंचने से पहले ही नियंत्रण करने के लिए सख्त कदम उठाए जा सकें।
जानकारी के अनुसार यदि ग्रेप का स्टेज तीन लागू होता है, तो दिल्ली एनसीआर की सरकारों को ये तय करना होगा कि सार्वजनिक, निजी और नगर निगम के दफ्तर केवल 50 प्रतिशत कर्मचारियों के साथ ही ऑन-साइट काम कर सकेंगे।
यही दिशा-निर्देश केंद्र सरकार के कार्यालयों के लिए भी लागू करने पर विचार किया जाएगा। इन कदमों का उद्देश्य है कि प्रदूषण के दौरान सड़कों पर भीड़ कम हो और हवा की गुणवत्ता को सुधारने में मदद मिले।
कार्यालयों का समय अलग-अलग किया जाए
सीएक्यूएम के एक अधिकारी ने स्पष्ट किया कि ये सुझाव सिर्फ सलाह के रूप में दिए गए हैं, इन्हें लागू करना अनिवार्य नहीं है। आयोग ने यह भी प्रस्ताव रखा है कि जब ग्रेप का स्टेज दो लागू हो, तो दिल्ली एनसीआर के सभी सरकारी कार्यालयों के काम के समय अलग-अलग किए जाएं, ताकि ट्रैफिक और भीड़ कम हो सके। अब तक यह कदम स्टेज तीन में उठाया जाता था, लेकिन प्रदूषण तेजी से बढ़ने के कारण इसे पहले ही चरण में लागू करने पर विचार किया जा रहा है।
लोगों में फैलाएं जागरुकता
नए प्लान के तहत आयोग ने एनसीआर राज्यों से कहा है कि वे बिजली सप्लाई को बिना रुकावट सुनिश्चित करें, ताकि डीजल जेनरेटर के उपयोग में कमी लाई जा सके। इसके साथ ही पब्लिक ट्रांसपोर्ट को मजबूत बनाने के लिए सीएनजी और इलेक्ट्रिक बसों की संख्या बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा। ट्रैफिक सिग्नलों पर भीड़ कम करने के उपाय भी अपनाए जाएंगे। इसके अलावा, सरकारों को सलाह दी जाएगी कि वे लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए प्रचार करें, ताकि वे प्रदूषण के समय क्या करें और क्या न करें, इसकी जानकारी रख सकें।
सीएक्यूएम के एक अधिकारी ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश की समीक्षा की जाएगी और उसी के आधार पर ग्रेप (ग्रेप) के नियमों में बदलाव किए जाएंगे। फिलहाल विचार विमर्श चल रहा है। एनसीआर में शामिल राज्यों से भी सहमति ली जाएगी। अधिकारी के अनुसार, आने वाले दिनों में जरूरत के मुताबिक ग्रेप में संशोधन किए जाएंगे और नए निर्देश लागू किए जाएंगे।
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