मराठी न बोलने पर लोकल ट्रेन में हुई पिटाई के बाद मुंबई के लड़के ने सदमे में आकर कर लिया सुसाइड
एक चौंकाने वाली घटना में, मुंबई के पास ठाणे के कल्याण पूर्व में तिसगांव नाका इलाके में एक किशोर ने मराठी न बोलने पर पिटाई के बाद आत्महत्या कर ली। कथित तौर पर एक लोकल ट्रेन में 4-5 लोगों के एक ग्रुप ने लड़के पर हमला किया था। पीड़ित की पहचान फर्स्ट ईयर के साइंस के छात्र अर्नव लक्ष्मण खैरे के रूप में हुई है। खबरों के अनुसार, वह मंगलवार को मुलुंड में अपने कॉलेज जा रहा था, जब उसने हिंदी में एक साथी यात्री से आगे बढ़ने को कहा। उसके पिता, जीतेंद्र खैरे ने बताया कि चार-पांच यात्रियों के एक समूह ने मराठी न बोलने पर उससे झगड़ा किया और उसकी बेरहमी से पिटाई कर दी।ACP कल्याणजी गेटे ने कहा, “अर्णव मंगलवार सुबह लोकल ट्रेन से मुलुंड स्थित अपने कॉलेज जा रहा था, तभी कल्याण और ठाणे स्टेशनों के बीच यह हमला हुआ।“
सदमे की हालत में, अर्नव ठाणे में उतर गया और मुलुंड के लिए दूसरी ट्रेन पकड़ ली। पीड़ित के पिता के अनुसार, हमले के बाद अर्नव काफी मानसिक तनाव में आ गया था और अपनी पढ़ाई पर फोकस नहीं कर पा रहा था। वह कॉलेज से जल्दी निकल गया और दोपहर में घर लौटकर अपने पिता को घटना के बारे में बताया, तो पिता ने उसकी आवाज में डर और तनाव महसूस किया।
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शाम को जब पिता काम से घर लौटे, तो उन्होंने दरवाजा अंदर से बंद पाया। पड़ोसियों की मदद से दरवाजा खोला तो पाया कि उनका बेटा बेडरूम में फंदे से लटका हुआ है। स्थानीय रिपोर्टों के अनुसार, अर्नव को अस्पताल ले जाया गया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया।
अर्नव के पिता ने कोलसेवाड़ी पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज कराया है और मामले की जांच शुरू कर दी गई है। आकस्मिक मृत्यु का मामला दर्ज किया गया है।
महाराष्ट्र में, खासकर मुंबई महानगर क्षेत्र में, हिंदी-मराठी विवाद तब और बढ़ गया जब शिवसेना (UBT) और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) जैसे विपक्षी दलों ने स्कूलों में त्रिभाषा नीति और पहली कक्षा से हिंदी पढ़ाने से संबंधित दो सरकारी प्रस्तावों को लेकर सरकार पर निशाना साधा।
राज्य के अलग-अलग हिस्सों से MNS कार्यकर्ताओं के मौखिक और शारीरिक हमले, तोड़फोड़ और सार्वजनिक रूप से धमकी देने की घटनाएं सामने आने के बाद यह विवाद और बढ़ गया, जिसकी व्यापक आलोचना हुई और कानूनी जांच हुई। सोशल मीडिया पर वायरल हुए कई वीडियो में, MNS कार्यकर्ता दुकानदारों, ऑटो ड्राइवरों और यहां तक कि बैंक कर्मचारियों से मराठी न बोलने पर भिड़ते हुए दिखाई दिए।
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