झारखंड में दरवाजे-दरवाजे दस्तक देने लगे बीएलओ, जानें-कब से होगा SIR
/file/upload/2025/11/4250548026226025056.webpएसआइआर से पहले झारखंड में मतदाताओं की हो रही मैपिंग।
जागरण संवाददाता, बेरमो (बोकारो)। बिहार के बाद देश के 12 राज्यों में भारत निर्वाचन आयोग (Election Commission of India) SIR (Special Intensive Revision) करा रहा है। हालांकि 12 राज्यों में झारखंड शामिल नहीं है। इसके बावजूद झारखंड में बीएलओ (BLO) घर-घर जाकर मतदाताओं की मैपिंग और दस्तावेज का सत्यापन कर रहे हैं। यह संकेत है कि जल्द ही झारखंड में भी SIR होगा।विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
झारखंड के बोाकरो जिले के बेरमो अंचल में बूथ-लेवल अधिकारी (बीएलओ) घर-घर जाकर मतदाताओं की मैपिंग और दस्तावेज़ सत्यापन कर रहे हैं। यह काम SIR की तैयारी का हिस्सा है, जिसे फरवरी, 2026 में चलाए जाने की संभावना है।
बीएलओ मतदाताओं को यह जानकारी दे रहे हैं कि यदि उनके माता-पिता का नाम 2003 की बूथ- या विधानसभा-मतदाता सूची में नहीं था, तो दादा-दादी का नाम होना अनिवार्य माना जाएगा। बेरमो अंचल कार्यालय ने स्पष्ट किया है कि फिलहाल किसी का नाम मतदाता सूची से हटाने का आदेश नहीं दिया गया है।
यदि किसी मतदाता के पास आवश्यक दस्तावेज नहीं हों, तो पहले उन्हें पुन: नोटिस भेजा जाएगा। इसके बाद भी अगर दस्तावेज़ जमा नहीं होते हैं, तो चुनाव आयोग इसी आधार पर अंतिम निर्णय लेगा।
कार्यालय ने यह भी कहा है कि नाम हटाए जाने की स्थिति में सरकारी योजनाओं-जैसे मंइ सम्मान योजना, पेंशन, राशन कार्ड-से वंचित करने का कोई निर्देश नहीं दिया गया है। वर्तमान में बीएलओ पूरी निगरानी के साथ मैपिंग और सत्यापन का काम कर रहे हैं, ताकि आगामी एसआईआर सटीक और पारदर्शी तरीके से संपन्न हो सके।
क्या है एसआइआर?
एसआइआर (Special Intensive Revision) यानी विशेष गहन पुनरीक्षण एक चुनाव आयोग की प्रक्रिया है, जिसके तहत मतदाता सूची (Electoral Roll) को घर-घर जाकर बड़े पैमाने पर सत्यापित किया जाता है। इसका मकसद सूची को अधिक सटीक, अद्यतन और विश्वसनीय बनाना है- ताकि योग्य मतदाता शामिल हो सकें और गलत या डुप्लिकेट प्रविष्टियां हट सकें।
देश में एसआइआर का वर्तमान परिदृश्य
पहले चरण में बिहार में एसआइआर कराया गया। चरण II की प्रक्रिया 9 राज्यों और 3 केंद्र शासित प्रदेशों में चल रही है, यानी कुल 12 राज्य/यूटी। इनमें शामिल राज्य/यूटी हैं: उत्तर प्रदेश, गुजरात, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, केरल, गोवा, पुडुचेरी, अंडमान एवं निकोबार द्वीप, और लक्षद्वीप।
इस अभियान के तहत लगभग 51 करोड़ मतदाता को सत्यापन के लिए लक्षित किया गया है। इस चरण की अंतिम मतदाता सूची 7 फरवरी 2026 को जारी करने की योजना है।
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