deltin33 Publish time 2025-11-20 15:07:34

School Admission: बड़ी है चुनौती, आगरा के कांवेंट स्कूलों में एक सीट पर 10 दावेदार, सहज और आसानी से कराएं ऐसे तैयारी

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सांकेतिक तस्वीर।



जागरण संवाददाता, आगरा। नवंबर आते ही शहर के कान्वेंट और पब्लिक स्कूलों की नर्सरी कक्षा में प्रवेश का मौसम ऐसा शुरू हुआ है, मानो पूरा शहर किसी बड़ी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी में उतर आया हो। घर अब इंटरव्यू कार्नर जैसा लगने लगा है और प्लेग्रुप मिनी कोचिंग सेंटर जैसे, जहां नन्हें बच्चों को ए-बी-सी-डी, अच्छी आदतों के साथ गवर्नर, डीएम और ऐतिहासिक इमारतों तक का ज्ञान कराया जा रहा है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

प्रवेश भले नर्सरी कक्षा में होना है लेकिन प्रतियोगिता की स्थिति यह है कि बच्चों के साथ अभिभावक भी तैयारी में जुटे है, जिससे प्रवेश का यह मौका हाथ से छूट न जाए। नूरी दरवाजा निवासी शिवानी बंसल के बेटे शिवाय का प्रवेश इस वर्ष नर्सरी कक्षा में होना है। उन्होंने इसके लिए सेंट फेलिक्स, सेंट जार्जेज, सेंट पाल्स और सेंट कानरेड्स इंटर कालेज में आवेदन किया है।

बच्चा पढ़ने में अच्छा है लेकिन फिर भी प्रवेश से पहले स्कूल में होने वाले संवाद के लिए वह उसे रोजाना तैयार कर रही हैं। यही हाल आवास विकास कालोनी, सेक्टर छह निवास काजल सहानी का है। बेटे नैतिक का प्रवेश कराने के लिए वह भी उसे दिन-रात तैयारी कराने में जुटे हैं। यह हाल सिर्फ उन घरों का है, जहां इस वर्ष उनके बच्चे चार वर्ष के हो गए हैं और नर्सरी कक्षा में प्रवेश की तैयारी में हैं।

दरअसल अक्टूबर में शहर के अधिकांश कान्वेंट स्कूलों ने नर्सरी कक्षा में प्रवेश के लिए आवेदन पत्र जारी किए थे। अब उनमें से आवेदनों के बच्चों और अभिभावकों को बुलकर स्कूलों में संवाद किया जा रहा। बात संवाद की होती है, लेकिन यह किसी साक्षात्कार से कम नहीं होता। इसमें बच्चे के ज्ञान के साथ अभिभावकों के तौर-तरीकों और रहन-सहन आदि का परीक्षण कर लिया जाता है।

इसमें बच्चों के साथ अभिभावक भी संभावित प्रश्नों की तैयारी कर रहे हैं, जैसे कोई प्रतियोगी परीक्षा देनी है।


एक-एक सीट पर 10 गुना आवेदन

शहर के कान्वेंट से लेकर पब्लिक स्कूलों की नर्सरी के चार से पांच सेक्शन हैं। प्रत्येक सेक्शन में 60 सीटें हैं। इस लिहाज से प्रत्येक स्कूल में 250 से 300 सीटों पर प्रवेश होने है, लेकिन अच्छे स्कूलों में प्रवेश पाने की ललक ऐसी है कि आवेदनों की संख्या रिक्त सीटों से 10 गुना तक है।

ऐसे में अच्छे विकल्प होने की स्थिति में स्कूल आवेदन के बाद संवाद (साक्षात्कार) प्रक्रिया के माध्यम से अच्छे बच्चों को शार्टलिस्ट करते हैं। ऐसे में बच्चों के साथ अभिभावकों को भी कड़ी प्रतियोगिता का सामना करना पड़ता है। सीटें सीमित हैं, इसलिए अभिभावकों में चिंता का स्तर इतना बढ़ गया है कि वह भी कहते दिखते हैं कि प्रवेश भले बच्चे का हो रहा है लेकिन परेशानी हमारी भी है।


घर से लेकर किंडरगार्टन तक तैयारी

बच्चे साक्षात्कार में सफल हो जाए, इसके लिए उनकी कोचिंग भी आरंभ हो गई है। घर में जहां अभिभावक उन्हें हर चीज सलीके से बोलने का प्रशिक्षण दे रहे हैं, तो वहीं किंडर गार्टन नर्सरी इंटरव्यू को मिशन मोड में लेकर चल रहे हैं। वह बच्चों को रंग, शेप्स और नंबर, हिंदी और अंग्रेजी अक्षर, पसंदीदा खिलौना, पैट, फ्रूट आदि की जानकारी सिखा रहे हैं।


सिर्फ बच्चे का नहीं, माता-पिता का भी परीक्षण

प्रतिष्ठित स्कूलों ने अभिभावकों से संवाद को भी प्रवेश प्रक्रिया का महत्वपूर्ण हिस्सा बना दिया है, इसमें माता-पिता, दोनों को बच्चे के साथ बुलाया जाता है और बच्चे के साथ उनसे भी प्रश्न पूछे जाते हैं। जैसे आपकी शिक्षा कहां से हुई? आप बच्चे के साथ रोज़ कितना समय बिताते हैं?

आपके घर में अनुशासन का तरीका क्या है? क्या आप घर में रीति-नीति और नैतिक मूल्य सिखाते हैं? स्कूल प्रधानाचार्यों का मानना है कि यह एक प्रयास है, जिसके माध्यम से सिर्फ बच्चे को नहीं, पूरे परिवार को समझाने का प्रयास किया जाता है।


इसलिए है दबाव?

शिक्षा से जुड़े विशेषज्ञ मानते हैं कि अच्छे स्कूलों की सीमित संख्या, रिक्त सीटों की संख्या भी कम लेकिन आवेदन की संख्या बहुत है। इसे में अभिभावकों की अपेक्षा बहुत अधिक बढ़ जाता है। साथ ही कान्वेंट और बड़े निजी स्कूलों की उच्च प्रतिष्ठा समाजिक प्रतिष्ठा का प्रतीक बन गई हैं। साथ ही इंटरनेट मीडिया पर इस समय परफेक्ट पेरेंटिंग का सबसे अधिक दबाव है। यदि बच्चा थोड़ा शर्मीला है, तो यह दौड़ उसे सबसे अधिक प्रभावित करती है। इसलिए अभिभावक कोई मौका नहीं छोड़ना चाहते।


स्कूलों में यह है स्थिति

- सेंट फेलिक्स प्री नर्सरी स्कूल में 17 नवंबर से इंटरव्यू शुरू हो चुके हैं।
- सेंट पाल्स यूनिट-टू में भी अभिभावक संवाद चल रहा है।
- सेंट जार्जेज कालेज की दोनों यूनिट में भी संवाद और प्रवेश की प्रक्रिया जारी है।
- वहीं सेंट एंथनीज़ जूनियर कालेज में भी साक्षात्कार प्रारंभ हो चुके हैं।


अधिक तनाव न लें, बच्चे को सामान्य ही रहने दें

जीडी गोयनका पब्लिक स्कूल के प्रधानाचार्य पुनीत वशिष्ठ बताते हैं कि प्रवेश प्रक्रिया मुश्किल अवश्य है लेकिन इसको लेकर तनाव लेने की आवश्यकता नहीं हैं। बच्चे को सामान्य तैयारी कराएं। बच्चे की सक्रियता और उनकी प्रेजेंस आफ माइंड ही सबसे प्रमुख है।
सेंट जार्जेज स्कूल के प्रधानाचार्य अक्षय जरमाया बताते हैं कि प्रवेश प्रक्रिया को मुश्किल नहीं, रोचक बनाने और बच्चे की झिझक दूर करने के लिए अभिभावकों के साथ संवाद के लिए बुलाया जाता है। इसे लेकर बहुत परेशान नहीं होना चाहिए।
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