cy520520 Publish time 2025-11-20 13:38:07

यूपी में पराली जलाने पर हो सख्त निगरानी, मुख्य सचिव ने मंडलायुक्तों और डीएम को दिए निर्देश

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राज्य ब्यूरो, लखनऊ। किसानों को समय से उर्वरक उपलब्ध कराने और पराली जलाने की घटनाओं को रोकने के लिए कड़े निर्देश जारी किए हैं। मुख्य सचिव एसपी गोयल ने सभी मंडलायुक्तों और जिलाधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेसिंग में कहा कि सरकारी समितियां तय समय पर खुलें और खाद का पर्याप्त स्टाक हर विक्रय केंद्र पर रहे। कहीं भी स्टाक कम होते ही तुरंत नई खेप भेजी जाए। जिलाधिकारी इसकी रोज समीक्षा करेंगे। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

उन्होंने बताया कि पराली जलाने की हर घटना की सेटेलाइट से निगरानी हो रही है। जिन जिलों में मामले ज्यादा हैं, वहां किसानों को पराली के विकल्प और प्रबंधन के लिए जागरूकता अभियान चलाया जाए। इसके बावजूद नियम तोड़ने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

गोवंश संरक्षण पर उन्होंने बताया कि प्रदेश में 30 बड़े गोसंरक्षण केंद्र बनाए जाने प्रस्तावित हैं। जिलों को एक-एक हेक्टेयर भूमि जल्द चिन्हित कर पशुपालन विभाग को देना होगा। हर मंडल में एक माडल गौशाला भी विकसित की जाएगी। अच्छे काम करने वाले एनजीओ को गो-आश्रय स्थल सौंपे जाएंगे।

गोशालाओं में कर्मचारियों की उपस्थिति, चारा-पानी और देखभाल की नियमित निगरानी होगी। निराश्रित पशुओं के लिए प्रतिदिन 50 रुपये प्रति गोवंश खर्च का प्रविधान है। सड़कों व खेतों में घूम रहे पशुओं को तुरंत आश्रय स्थल ले जाया जाए। उन्होंने कहा कि डीबीटी भुगतान के लिए हर माह 30 तारीख तक फंड रिक्वेस्ट भेजना अनिवार्य है।

ठंड से बचाव के लिए सभी आश्रय स्थलों पर तिरपाल, बोरे और पुआल की व्यवस्था की जाए। चारा नीति के तहत गोशालाओं को चारागाह भूमि देकर हरा चारा उगाया जाएगा।

खनन विभाग की समीक्षा में मुख्य सचिव ने ईंट भट्ठों से वसूली, उप खनिज रायल्टी और साधारण मिट्टी के आवेदनों के समयबद्ध निस्तारण के निर्देश दिए। खनन वाहनों के जीपीएस को विभागीय पोर्टल से जल्द जोड़ा जाएगा। बैठक में कृषि, पशुपालन, सहकारिता, खनन सहित सभी संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
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