गाजियाबाद के जिला महिला अस्पताल के रैन बसेरे को संवारने का काम शुरू, खिड़की पर शीशा लगाया गया
/file/upload/2025/11/8390772276872576674.webpसांकेतिक तस्वीर
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। दैनिक जागरण में खबर प्रकाशित होने के बाद जिले के अस्पतालों में संचालित रैन बसेरों को संवारने का काम शुरू हो गया है। जिला महिला अस्पताल के रैन बसेरे का 20 दिन से टूटा पड़ा खिड़की का शीशा बदल दिया गया है। शीश नया लगाया गया है। बेड नये डाल दिये गये हैं। गददा और चादरें भी बदल दी गईं हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
रैन बसेरे में पुताई का काम चल रहा है। दो सुरक्षाकर्मी तैनात कर दिये गये हैं। बाथरूम को ठीक किया जा रहा है। रैन बसेरे में नया रूम हीटर लगा दिया गया है। सर्दी बढ़ रही है। ऐसे में जरूरतमंद लोगों को सार्वजनिक स्थानों पर संचालित रैन बसेरों की जरूरत पड़ने लगी हैं। डीएम के सख्त निर्देश के बाद सीएमओ ने सभी अस्पतालों के सीएमएस और एमएस को निर्देश दिये हैं कि रैन बसेरों को तुरंत चालू कराया जाये।
13 नवंबर को प्रकाशित खबर में जिला महिला अस्पताल के रैन बसेरे में कुत्तों के डेरा डालने का जिक्र किया गया था। बेड की चादरों के अस्त-व्यस्त होने, साफ सफाई का इंतजाम न होने और मुख्य दरवाजे की खिड़की का शीशा गायब होने का भी जिक्र किया गया था।
बता दें कि जिला महिला अस्पताल में सबसे अधिक प्रसव पीड़ा के बाद रात को गर्भवती को लेकर स्वजन पहुंचते हैं। रैन बसेरा ठीक न होने के चलते तीमारदार खुले आसमान के नीचे रात गुजारने को मजबूर होते हैं।
कार्यवाहक सीएमएस डा. अभिषेक त्रिपाठी का कहना है कि रैन बसेरे को संवारा जा रहा है। जल्द ही लोगों को सुविधाओं के साथ ठहरने के लिए रैन बसेरा मिल जायेगा। इसी क्रम में संयुक्त अस्पताल के रैन बसेरे को भी संवारा जा रहा है। जिला एमएमजी अस्पताल का रैन बसेरा पहले से ही सुविधाओं से युक्त है। सीएचसी के रैन बसेरों की स्थिति अच्छी नहीं है।
जिला अस्पतालों के सीएमएस और सीएचसी के प्रभारियों को सख्त निर्देश जारी करते हुए अगले तीन दिन में रैन बसेरों को संचालित करने को कहा गया है।
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- डॉ. अखिलेश मोहन, सीएमओ
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