बरेली : किरायेदार और मकान मालिक दोनों के लिए खुशखबरी! कानूनी दस्तावेज बनाना अब सस्ता
/file/upload/2025/11/790682841694180953.webpप्रतीकात्मक चित्र
जागरण संवाददाता, बरेली। दुकान-मकान का किरायानामा अब आसानी से रजिस्टर्ड करा सकेंगे। इसके लिए शासन ने छह माह के लिए छूट की घोषणा की है। निर्धारित समय में बहुत कम स्टांप खर्च पर किरायानामा पंजीकृत हो जाएगा। इसके तहत 10 लाख रुपये तक वार्षिक किराए के लिए दस साल के लिए पंजीकरण कराने पर अधिकतर दस हजार रुपये के स्टांप ही लगाने होंगे। इस बाबत स्टांप एवं रजिस्ट्रेशन विभाग के प्रमुख सचिव अमित गुप्ता ने आदेश जारी किए हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
उन्होंने स्पष्ट किया है कि यह छूट किसी भी प्रकार के टोल और खनन पट्टा करार पर लागू नहीं होंगे। स्टांप शुल्क से बचने के लिए तमाम संपत्ति मालिक और किरायेदार उस संपत्ति का किरायानामा रजिस्टर्ड नहीं कराते हैं। आपसी सहमति से सौ रुपये के स्टांप पेपर पर आपस में डीड बनाकर रख लेते हैं। रजिस्टर्ड एग्रीमेंट नहीं कराने का दूसरा कारण रजिस्ट्रेशन शुल्क अधिक होना भी रहता है। किरायानामा पंजीकृत नहीं होने से निबंधन कार्यालय को राजस्व का नुकसान होता है, वहीं किरायेदारी विवाद में प्रपत्र उनके लिए कानूनी दस्तावेज नहीं बन पाता है।
विभागीय अधिकारियों की जांच में ऐसे प्रकरण अक्सर सामने आते हैं। संपत्ति मालिकों की समस्या को दूर करने के साथ ही राजस्व में बढ़ोतरी के लिए शासन ने किरायानामा में रजिस्ट्रेशन शुल्क में छूट की घोषणा की है। इस छूट का लाभ छह माह तक लिया जा सकेगा। इसके तहत दो लाख रुपये तक वार्षिक किराए पर एक साल के एग्रीमेंट पर पांच सौ रुपये, पांच वर्ष तक के एग्रीमेंट के लिए 1500 रुपये और 10 वर्ष के एग्रीमेंट के लिए दो हजार रुपये के स्टांप लगाने होंगे।
इसी तरह दो लाख रुपये से छह लाख रुपये वार्षिक किराए पर एक साल के एग्रीमेंट पर 1500 रुपये, पांच वर्ष के एग्रीमेंट पर 4500 रुपये और दस साल के एग्रीमेंट पर 7500 रुपये के स्टांप लगाने होंगे। वहीं, छह लाख रुपये से दस लाख रुपये तक वार्षिक किराए की धनराशि होने पर एक साल के एग्रीमेंट के लिए 2500 रुपये, पांच वर्ष के एग्रीमेंट पर 6000 रुपये और दस वर्ष के एग्रीमेंट पर दस हजार रुपये का स्टांप शुल्क देना होगा।
एआइजी स्टांप तेज सिंह यादव का कहना है कि शासन की इस योजना से तमाम लोगों को लाभ होगा। किरायेदारी का रजिस्टर्ड एग्रीमेंट आसानी से लोग करा सकेंगे जिससे विवादों में भी कमी आएगी।
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