रेल अधिकारियों को रिश्वत के लिए कहां से आए 99 लाख? CBI जांच में खुलेंगे कई और रिश्वतखोरों के राज
/file/upload/2025/11/5649538307485668622.webpरिश्वत के 98 लाख 81 हजार 500 रुपये बरामद। सांकेतिक तस्वीर
राज्य ब्यूरो, पटना। Railway Bribe Case: पूर्व मध्य रेलवे हाजीपुर के उप मुख्य अभियंता (निर्माण) आलोक कुमार और आफिस अधीक्षक आलोक कुमार दास को रिश्वत देने के लिए रकम का प्रबंध हवाला के माध्यम से किया गया था।
सीबीआइ ने रिश्वत की राशि के साथ रेलवे के इन दोनों अधिकारियों (अलोक कुमार व आलोक दास) और रिश्वत देने वाले निजी एजेंसी जेपीडब्लू इंफ्राटेक के प्रोजेक्ट मैनेजर गोविंद भुल्लर उर्फ अमन भुल्लर और सूरज प्रसाद नाम के एक कर्मचारी को भी गिरफ्तार किया है।विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
मोटी रिश्वत की मिली थी सूचना
सीबीआइ को सूचना मिली थी कि निजी निर्माण कंपनी रेलवे प्रोजेक्ट में अनुचित तरीके से लाभ प्राप्त करने के लिए रेलवे के अधिकारियों को मोटी रिश्वत दे रही है।
अधिकारी रिश्वत लेकर घटिया निर्माण सामग्री का इस्तेमाल रेलवे प्रोजेक्ट में करने से आंखें मूदे हुए हैं। जिसकी वजह से सरकार को बड़ा नुकसान हो रहा है।
सीबीआइ ने इस सूचना के बाद बिहार में पांच स्थानों और बंगाल में दो, छत्तीसगढ़ में तीन और झारखंड में एक स्थान पर छापा मारा।
इसी क्रम में हाजीपुर में कार्रवाई के दौरान आरोपियों के कार्यालय के बाहर अलग-अलग निशान और नाम वाले आठ पैकेट, लिफाफे, बैगों में बंद 98 लाख 81 हजार 500 रुपये भी बरामद किए गए।
सीमेंट कारोबारी ने उपलब्ध कराए थे पैसे
सूत्रों ने बताया कि यह राशि हवाला के माध्यम से भेजी गई थी। मधेपुरा के चौसा स्थित एक सीमेंट कारोबारी मनोज यादव ने निजी निर्माण कंपनी के कर्मचारियों को यह राशि उपलब्ध कराई थी।
जिसे बाद में रेलवे के अधिकारियों तक पहुंचाया गया। सीमेंट कारोबारी को यह रकम छत्तीसगढ़ से हवाला के जरिये भेजी गई थी। सूत्रों के अनुसार सीबीआइ ने सीमेंट कारोबारी के ठिकाने पर भी छापा मारा और पूछताछ की है।
कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर ने स्वीकारी रिश्वत की बात
इधर सीबीआइ ने कार्रवाई के दौरान गिरफ्तार जेपीडब्लू इंफ्राटेक कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर गोविंद भुल्लर से पूछताछ की तो उसकी स्वीकारोक्ति थी घूस की रकम उप मुख्य अभियंता (निर्माण) आलोक कुमार सहित उनके अधीनस्थ कर्मियों को दी जानी थी।
रकम का प्रबंध करने के लिए उसने अपने कर्मी सूरज कुमार को मधेपुरा भेजा था। सूरज प्रसाद ने दो जगहों से करीब 92 लाख रुपये की व्यवस्था की।
यह रकम कार्टन में रख पूर्व मध्य रेल निर्माण कार्यालय लाई गई। सीबीआइ को इस मामले में पूर्व मध्य रेल निर्माण कार्यालय से जुड़े कई अन्य पदाधिकारी व कर्मियों के भी संलिप्त होने का शक है। इसके आधार पर आगे की जांच व कार्रवाई जारी है।
उप मुख्य अभियंता सात दिन दो अन्य को 10 दिन की पुलिस रिमांड
भ्रष्टाचार मामले में गिरफ्तार पूर्व मध्य रेलवे हाजीपुर के उप मुख्य अभियंता (निर्माण) आलोक कुमार को सीबीआइ कोर्ट ने सात दिनों की पुलिस रिमांड पर भेज दिया है।
सीबीआइ कोर्ट के विशेष न्यायाधीश अविनाश कुमार की अदालत में आरोपितों को पेश किया गया था। सीबीआइ ने कोर्ट से आवेदन किया कि आरोपितों से पूछताछ आवश्यक है।
पूछताछ से कई और नामों का पर्दाफाश संभव है। अदालत ने सीबीआइ के आवेदन को स्वीकार करते हुए रेलवे उप मुख्य अभियंता आलोक कुमार को सात दिन जबकि रिश्वत देने वाली निजी एजेंसी जेपीडब्लू इंफ्राटेक के प्रोजेक्ट मैनेजर गोविंद भुल्लर उर्फ अमन भुल्लर और सूरज प्रसाद को 10 दिन की रिमांड सीबीआइ को दी है।
यहां बता दें कि सीबीआइ ने कांड संख्या आरसी 31(ए)/2025 दर्ज किया है। साथ ही भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की धारा 7 एवं 8 तथा बीएनएस की धारा 61 (2) भी दर्ज की गई है।
रेलवे संरचनाओं का निर्माण कर रही कंपनी
रेल अधिकारियों को रिश्वत देने वाली कंपनी जेपीडब्लू इंफ्राटेक बिहार के कई जिलों में रेलवे से जुड़ी आधारभूत संरचनाओं का निर्माण कर रही है।
कंपनी सुपौल स्टेशन से पिपरा स्टेशन तक करीब 22.50 किमी क्षेत्र, हाजीपुर-सुगौली नई रेल लाइन परियोजना में हरसिद्धि यार्ड से सुगौली यार्ड तक केबलिंग, छोटे पुलों का निर्माण, आरयूबी, एलएचएस जैसे काम कर रही है।
साथ ही अररिया-रानीगंज के बीच स्टेशन भवन, सेवा भवन, एसएंडटी भवन, विद्युत भवन, आवासीय क्वार्टर, पहुंच मार्ग, उच्च स्तरीय प्लेटफार्म, घाट, पीपी शेड, एफओबी, परिसंचारी क्षेत्र, ऊंचाई गेज का काम भी इसी कंपनी के पास है।
इसके अलावा पूर्व मध्य रेलवे के समस्तीपुर मंडल में अररिया सुपौल की नई रेल लाइन परियोजना का काम भी इसी कंपनी के पास है।
Pages:
[1]