आजम खान और अब्दुल्ला को भेजा जाएगा दूसरी जेल? कोर्ट ने सुनाया ये फैसला
/file/upload/2025/11/2822598512113138517.webpजागरण संवाददाता, रामपुर। दो पैन कार्ड मामले में सात साल की सजा के बाद बेटे अब्दुल्ला के साथ जेल गए सपा नेता आजम खान के प्रार्थना पत्र पर बुधवार को सुनवाई हुई। न्यायालय ने दोपहर में सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। लंच के बाद निर्णय सुनाया, जिसमें जेल अधीक्षक को आदेश दिए कि आजम खान और अब्दुल्ला को दूसरी जेल में स्थानांतरण से पूर्व न्यायालय से अनुमति ली जाए। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला को एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट (मजिस्ट्रेट ट्रायल) ने सोमवार को दो पैन कार्ड मामले में दोषी मानते हुए सात-सात साल की सजा सुनाई थी। दोनों को जेल भेज दिया गया था। आजम खान ने अपने अधिवक्ता के जरिए न्यायालय में प्रार्थना पत्र दिया था, जिसमें उन्होंने जिला कारागार में अब्दुल्ला के साथ रहने की इच्छा जताई थी। उनका कहना था कि अधिक उम्र और बीमारी के कारण उन्हें देखभाल के लिए बेटे की जरूरत है। साथ ही जेल में क्लास वन की सुविधा मांगी थी। उनके प्रार्थना पत्र पर अभियोजन ने आपत्ति दाखिल की थी।
अभियोजन का कहना था कि प्रार्थना पत्र बिना किसी विधिक प्रविधान के योजित किया गया है। इस कारण पोषणीय नहीं है। प्रार्थना पत्र अपूर्ण है। इसमें लिखे तथ्यों के समर्थन में कोई प्रपत्र विद्वान अधिवक्ता द्वारा प्रस्तुत नहीं किया गया है। किसी सिद्धदोष बन्दी के स्वास्थ्य क्षेम व विधि व्यवस्था आदि प्रशासनिक कार्य है। इस कारण प्रार्थना पत्र न्यायालय के समक्ष पोषणीय नहीं है। बंदियों को एक कारागार से दूसरे कारागार प्रशासनिक आधार पर स्थानांतरित किए जाने की प्रक्रिया पूरी तरह प्रशासनिक है, जिसके लिए न्यायालय की अनुमति अपेक्षित नहीं है।
न्यायालय ने इस संबंध में जेल प्रशासन से रिपोर्ट मांगी थी। जेल प्रशासन ने अपनी रिपोर्ट मंगलवार को कोर्ट में प्रस्तुत कर दी थी, जिसमें कहा था कि रामपुर जेल क्लास वन नहीं है। प्रशासन चाहे तो आजम खान और अब्दुल्ला को प्रदेश की किसी भी क्लास वन जेल में स्थानांतरित कर सकता है।
जेल प्रशासन की रिपोर्ट आने के बुधवार को न्यायालय ने प्रार्थना पत्र और आपत्ति पर सुनवाई करते हुए निस्तारण किया। न्यायालय ने जेल अधीक्षक को आदेशित किया है कि जेल मैनुअल के अनुसार नियमानुसार कार्यवाही करें। आजम खान और अब्दुल्ला को रामपुर कारागार से स्थानांतरण करने से पूर्व न्यायालय से अनुमति लेना सुनिश्चित करें।
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