West Champaran news : ट्रैफिक व्यवस्था आखिर कब सुधरेगी? जाम फंसा पूरा बेतिया शहर
/file/upload/2025/11/6542595897595254305.webpबेतिया के अस्पताल रोड में जाम : जागरण
जागरण संवाददाता, बेतिया (पश्चिम चंपारण)। इन दिनों नगर का ट्रैफिक सिस्टम पूरी तरह चरमरा गया है। सुबह से देर शाम तक नगर के प्रमुख चौराहों पर जाम की ऐसी स्थित है कि दस मिनट का सफर आधे घंटे में तय करना पड़ रहा है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
स्टेशन चौक, हरिवाटिका चौक, इमली चौक, मोहर्रम चौक, लाल बाजार, सोवाबाबू चौक, जनता सिनेमा चौक, तीन लालटेन चौक, पावर हाउस चौक, राजगुरू चौक, द्वारा देवी चौक पर जाम रोजमर्रा की समस्या बन गई है। अस्पताल रोड़, मित्रा चौक, कोतवाली चौक, लिबर्टी सिनेमा चौक, जंगी मस्जिद, मीना बाजार,आलोक भारती चौक पर भी लोग जाम से घंटों जूझते हैं।
जानकारों का कहना है कि पिछले दो तीन वर्षों में नगर में वाहनों की संख्या में लगभग 15-20 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है,जबकि सड़कें जस की तस है। वाहनों को पार्क करने के लिए जगह का अभाव है। विगत कुछ वर्षों से नगर निगम पार्किंग के लिए प्लानिंग ही कर रहा है, लेकिन अभी तक इसका ठोस नतीजा नहीं निकल सका है।
तीन लालटेन चौक के दिनेश सिंघानिया, लाल बाजार के कयूम अंसारी, आशा नगर के संतोष कुमार का कहना है कि अतिक्रमण और अवैध पार्किंग सबसे बड़ी चुनौती है। अतिक्रमण के कारण सड़के संकुचित हो गई है। रही सही कसर ठेला और खुदरा दुकानदार सड़कों पर कब्जा कर पूरा कर देते है। जिसके कारण शहर दिन भर जाम से हाफता रहता है। नगर निगम के कर्मियों का कहना है कि अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई होती है, लेकिन दो दिनों में फिर सड़कें अतिक्रमण का शिकार हो जाती हैं।
व्यवसायी परेशान, बिक्री प्रभावित
नगर के सड़क जाम से अब व्यवसायी भी परेशान हो गए हैं। उनका अलग दर्द है। सड़क जाम का असर बिक्री पर पड़ रहा है। खरीदारी करने वाहन से बाजार आने वाले लोग जाम के कारण लाल बाजार, मीना बाजार आदि भीड़भाड़ वाले इलाके में आने से कतराते हैं। वे कम भीड़ वाले इलाके में ही खरीदारी कर लौट जाते हैं।
जिससे इन इलाकों के व्यापारी काफी परेशान है। लाल बाजार के कपड़ा दुकानदार जहांगीर आलम, विनोद कुमार, मीना बाजार के संजय अग्रवाल ने कहा कि नगर का सड़क जाम नासूर बन गया है। जाम की वजह से लोग इधर आने से कन्नी काटने लगे हैं। जिसका असर व्यापार पर पड़ रहा है।
सड़क किनारे ठेला-खोमचा, आटो चालकों का कब्जा
नगर में अनियमित ई-रिक्शा और ऑटो का परिचालन, ट्रैफिक नियमों की अनदेखी और वाहन चालकों की मनमानी स्थिति को और बिगाड़ देती है। सुबह में ही ठेला और खोमचा वाले खुदरा दुकानदार सड़क के कुछ भाग को कब्जा कर लेते हैं।
स्कूल खुलने और बंद होने, दफ्तर के समय और शाम में जाम इतना भयावह हो जाता है कि एंबुलेंस तक को आगे बढ़ने की जगह नहीं मिल पाती। आलोक भारती चौक के ऑटो चालक ने कहा- नगर में ढंग का स्टैंड नहीं है।
जबकि चालकों से पार्किंग शुल्क वसूल की जाती है। आटो सड़क पर ही खड़ा रखना पड़ता है। पुलिस हटाती है, पर विकल्प नहीं देती। लोगों का कहना है कि जाम रोजमर्रा का दर्द बन गया है। समयबद्ध तरीके से अतिक्रमण हटाने, पार्किंग जोन विकसित करने और सख्ती से ट्रैफिक नियम लागू करने की दिशा में ठोस कदम उठाने से ही जाम से राहत मिल सकती है।
नगर के सभी महत्वपूर्ण जगहों पर ट्रैफिक पुलिस की तैनाती है। जाम की सूचना मिलते ही त्वरित कार्रवाई होती है। यातायात नियम का उल्लंघन करने वालों से जुर्माना वसूल की जाती है।
-- अतनु दत्ता, डीएसपी, यातायात।
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