Haldwani Domicile Fraud: सरगना अरायजनवीस फैजान भी निकला फर्जी, सामने आए सच से पुलिस भी हैरान
/file/upload/2025/11/2817744151836354954.webpमुख्य सरगना मो. फैजान के खंगाले जा रहे डिजिटलीकृत साक्ष्य। प्रतीकात्मक
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी । तहसील में फर्जी दस्तावेजों से स्थायी निवास प्रमाण पत्र बनवाने वाले अरायजनवीस फैजान भी फर्जी निकला है। प्रशासनिक स्तर से अरायजनवीस का जारी लाइसेंस भी फैजान के पास नहीं मिला है। यह सब बात पुलिस जांच में सामने आई हैं। पुलिस अब फैजान के डिजिटलीकृत साक्ष्य भी खंगाल रही है। साथ ही जिन लोगों ने फैजान से फर्जी तरीके से स्थायी निवास प्रमाणपत्र बनवाए हैं, वह भी पुलिस के रडार पर हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
कुमाऊं कमिश्नर ने 13 नवंबर को हल्द्वानी के बनभूलपुरा क्षेत्र में फर्जी तरीके से स्थायी निवास प्रमाण पत्र बनाने वाले रैकेट का भंडाफोड़ किया था। जिसके बाद पुलिस ने मुख्य सरगना फैजान समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। फैजान तहसील में अरायजनवीस का कार्य करता था, लेकिन वह अरायजनवीस के कार्य करने का भी अधिकृत नहीं था। वह तहसीलदार को भी जांच में लाइसेंस नहीं दिखा सका था। फैजान से सरकारी विभागों के कर्मचारी व कई अन्य लोगों की संलिप्तता सामने आई है, जिन्हें फैजान अच्छे खासे रुपये देता था।
स्थायी निवास प्रमाण पत्र बनवाने वाले लोगों से पहले फैजान फर्जी आधार कार्ड बनवाता था। फिर वह फर्जी आधार कार्ड के माध्यम से अपणि सरकार पोर्टल पर स्थायी निवास प्रमाण पत्र के लिए आवेदन कर देता था। इसके बाद वह यूपीसीएल के डाटा एंट्री आपरेटर से 50 साल तक के पुराने बिल की मांग करता था। उसी व्यक्ति के नाम का एक बिजली बिल फैजान को दे देता था। इसके बाद उसमें यूपीसीएल की मुहर लगाने के बाद उसे अपणि सरकार पोर्टल में अपलोड कर देता था। इससे स्थायी निवास प्रमाण पत्र बन जाता था।
12 साल से बाहरी लोगों का बना रहा था स्थायी निवास प्रमाण पत्र
सरकारी तंत्र में घुसकर बाहरी लोगों का स्थायी निवास प्रमाण पत्र बनवाने वाले फैजान नाम के कई और लोग जनसांख्यिकी बदलाव के कारण बने हैं। पुलिस की मानें तो इसमें सिस्टम के अंदर व बाहर कई लोग शामिल हैं। अभी यह सब एक छोटी सी जांच है। जल्द ही वह इसका बड़ा रैकेट का भंडाफोड़ करेंगे।
राजस्व विभाग में फर्जी बिजली-पानी के बिल की जांच के लिए लिखा पत्र
एसपी क्राइम जगदीश चंद्र का कहना है कि पुलिस विभाग राजस्व विभाग को भी एक पत्र लिखेगा। जिसमें स्थायी प्रमाण पत्र बनवाने के लिए इस्तेमाल होने वाले फर्जी बिजली-पानी के बिल की जांच करवाई जाएगी। इसके आधार पर भी कई फर्जी लोग पुलिस की गिरफ्त में होंगे।
पुलिस जांच में सामने आया है कि अरायजनवीस फैजान खुद फर्जी है। वह अरायजनवीस का कार्य करने का अधिकृत ही नहीं है। अभी तो हमने सिर्फ एक छोटा रैकेट ही पकड़ा है। हमें इसकी पूरी सूचना है कि बीते 12 वर्षों से यह बाहरी लोगों के फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से स्थायी निवास प्रमाण पत्र बनवा रहा था। इस काम में सिस्टम के अंदर के लोग भी शामिल हैं, जिन्हें पुलिस जल्द पकड़ लेगी।
- डा. मंजूनाथ टीसी, एसएसपी
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