भड़काऊ सामग्री छापने वाले अवैध प्रिटिंग प्रेस पर ATS की कार्रवाई, कर्मचारियों से दो घंटे तक की पूछताछ
/file/upload/2025/11/8441625692184636744.webpप्रतीकात्मक तस्वीर।
जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा। एटीएस की टीम ने मंगलवार को भड़काऊ सामग्री छापने वाली अवैध प्रिंटिंग प्रेस संचालित करने वाली फैक्ट्री को करीब दो घंटे खंगाला। कर्मचारियों से दोबारा पूछताछ की, फैक्ट्री मालिक फरहान नबी सिद्दीकी से मिलने जुलने वालों के बारे में भी जानकारी जुटाई। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
कासना कोतवाली की औद्योगिक सेक्टर साइट-5 स्थित फैक्ट्री में एटीएस की टीम ने आठ नवंबर को छापा मारा था। टीम ने फैक्ट्री मालिक फरहान को गिरफ्तार किया था। फैक्ट्री में लगी अवैध प्रिंटिंग प्रेस से छापी जा रही भड़काऊ सामग्री बड़ी संख्या में मिली थी। इसके बाद से एटीएस की टीम की लगातार जांच जारी है।
बाहर जाने पर लगाई रोक
मंगलवार को टीम तीसरी बार फैक्ट्री पहुंची थी। टीम करीब दो घंटे रही। इस दौरान अंदर मौजूद किसी भी व्यक्ति को बाहर नहीं जाने दिया गया। सूत्रों का कहना है कि एटीएस यह जानकारी करने का प्रयास कर रही है कि बरेली व महाराष्ट्र में भेजी गई भड़काऊ सामग्री किन लोगों के पास पहुंची। कब से पहुंचाई जा रही थी।
इसके पीछे कोई बड़ी साजिश तो नहीं थी। बताया जा रहा है कि टीम ने कर्मचारियों से पूछताछ के साथ पिछले कई माह के सीसीटीवी फुटेज, लेनदेन से जुड़े कागजात आदि भी कब्जे में लिए हैं। स्थानीय पुलिस ने इस संबंध में कोई भी जानकारी होने से इन्कार किया।
ये है मामला
यूपी एटीएस ने आठ नवंबर को दिल्ली निवासी फरहान नबी सिद्दीकी को ग्रेटर नोएडा से गिरफ्तार किया था। उस पर फैक्ट्री इस्तांबुल इंटरनेशनल के नाम पर कासना में प्रिंटिंग प्रेस, आरओ रिपेयरिंग और आयुर्वेदिक दवाओं के कारोबार की आड़ में भड़काऊ सामग्री प्रकाशित करने का आरोप है।
प्रारंभिक जांच में यह पता चला था कि आरोपित ने विदेशों से लगभग 11 करोड़ रुपये भेजे गए। इसी फंडिंग के तार खंगालने के लिए एटीएस जांच कर रही है।
एटीएस टीम आने की कोई जानकारी नहीं है। फैक्ट्री में भड़काऊ सामग्री के मामले में कोई भी जानकारी एटीएस की तरफ से साझा नहीं की जा रही है। फिलहाल मामले में क्या कार्रवाई चल रही है, जानकारी नहीं है।
-
धर्मेंद्र शुक्ला, कोतवाली प्रभारी
Pages:
[1]