Subrahmanya Sashti 2025: नवंबर में कब मनाई जाएगी सुब्रह्मण्य षष्ठी, पढ़ें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
/file/upload/2025/11/5316404964880540713.webpSubrahmanya Shasthi 2025 (AI Generated Image)
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। भगवान स्कंद को मुरुगन और सुब्रहमन्य आदि के नाम से भी जाना जाता है। यह पर्व मुख्य रूप से \“मार्गशीर्ष\“ महीने के शुक्ल पक्ष की \“षष्ठी\“ तिथि को मनाया जाता है। सुब्रह्मण्य षष्ठी के दिन भगवान स्कंद के निमित्त व्रत रखने और पूजा करने से भक्तों को सुख, समृद्धि और विजय की प्राप्ति होती है। दक्षिण भारत में इस पर्व को विशेष रूप से मनाया जाता है। ऐसे में चलिए इस खास मौके पर जानते हैं भगवान कार्तिकय जी की पूजा विधि और मंत्र। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
सुब्रह्मण्य षष्ठी का शुभ मुहूर्त (Skanda Sashti 2025 Shubh Muhurat)
मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि 25 नवंबर को रात 10 बजकर 56 मिनट पर हो रही है। वहीं इस तिथि का समापन 27 नवंबर देर रात 12 बजकर 1 मिनट पर होगा। ऐसे में मार्गशीर्ष माह में सुब्रह्मण्य षष्ठी का पर्व बुधवार 26 नवंबर को मनाया जाएगा।
सुब्रह्मण्य षष्ठी पूजा विधि (Skanda Sashti Puja Vidhi)
सुब्रह्मण्य षष्ठी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत हो जाएं। इसके बाद स्कंद भगवान का ध्यान करें और व्रत का संकल्प लें। पूजा स्थल की साफ-सफाई कर, एक चौकी पर भगवान कार्तिकेय की मूर्ति या फिर तस्वीर स्थापित करें। भगवान कार्तिकेय के साथ-साथ समस्त शिव परिवार की भी पूजा-अर्चना करें।
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पूजा में कार्तिकेय जी को फूल, चंदन, धूप, दीप और नैवेद्य आदि अर्पित करें और फल, मिठाई आदि का भोग लगाएं। इस दिन पूजा में आप मोरपंख भी अर्पित कर सकते हैं, क्योंकि यह भगवान कार्तिकेय को प्रिय माना गया है। अंत में स्कंद भगवान के मंत्रों व आरती का पाठ करें और सभी लोगों में प्रसाद बांटें।
करें इन मंत्रों का जप
1. कार्तिकेय गायत्री मंत्र -
ओम तत्पुरुषाय विधमहे: महा सैन्या धीमहि तन्नो स्कन्दा प्रचोद्यात:
2. ऊं शारवाना-भावाया नमः
ज्ञानशक्तिधरा स्कंदा वल्लीईकल्याणा सुंदरा
देवसेना मनः कांता कार्तिकेया नामोस्तुते
ऊं सुब्रहमणयाया नमः
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(Picture Credit: Freepik) (AI Image)
3. सफलता हेतु मंत्र -
आरमुखा ओम मुरूगा
वेल वेल मुरूगा मुरूगा
वा वा मुरूगा मुरूगा
वादी वेल अज़्गा मुरूगा
अदियार एलाया मुरूगा
अज़्गा मुरूगा वरूवाई
वादी वेलुधने वरूवाई
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