Chikheang Publish time 2025-11-19 16:37:43

Air Pollution: देश में दूसरा सबसे प्रदूषित शहर रहा गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा पहले नंबर पर

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गाजियाबाद रेलवे स्टेशन परिसर में उड़ती धूल से बचने के लिए दुपट्टे से मुंह ढककर गुजरती महिला। जागरण



जागरण संवाददाता, साहिबाबाद। गाजियाबाद जिले ने प्रदूषण के मामले में इस वर्ष के रिकार्ड तोड़ दिए हैं। बुधवार को गाजियाबाद की हवा इस वर्ष की सबसे जहरीली रही। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, वायु गुणवत्ता सूचकांक 434 दर्ज किया गया। इसी के साथ गाजियाबाद देश में ग्रेटर नोएडा के बाद दूसरा सबसे अधिक प्रदूषित शहर रहा। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

बीते वर्ष 2024 में 18 नवंबर को जिले का एक्यूआई सबसे अधिक 438 रहा था। वहीं, वसुंधरा देश का दूसरा सबसे प्रदूषित क्षेत्र रहा। प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ने से गाजियाबाद वासियों की सांसों पर संकट बरकरार है। दिन प्रतिदिन स्थिति गंभीर होती जा रही है। बुधवार को देश के 240 शहरों में गाजियाबाद दूसरे नंबर पर रहा। जिले की हवा बीते तीन दिन से हवा गंभीर श्रेणी में बनी हुई है।

बुधवार को सभी स्टेशनों की हवा गंभीर श्रेणी में पहुंचने से प्रदूषण का स्तर और बढ़ गया। इसके बाद भी प्रदूषण रोकथाम के लिए ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। कार्रवाई के नाम पर अधिकारी ठोस योजना बनाने के बजाय खानापूरी कर रहे हैं। अभी तक ग्रेप-तीन के नियमों का उल्लंघन करने पर 19 प्लांट व फैक्ट्रियों को सील किया गया है। जबकि बड़ी संख्या में अवैध फैक्ट्रियों का संचालन किया जा रहा है।
देश के 461 स्टेशनों में वसुंधरा दूसरा सबसे प्रदूषित क्षेत्र

देशभर में मंगलवार को 461 स्टेशनों पर एक्यूआई मापा गया। इनमें से पहले नंबर पर ग्रेटर नोएडा के नालेज पार्क-पांच का सबसे अधिक रहा। यहां का एक्यूआई 478 दर्ज किया गया। इसके बाद दूसरे नंबर पर वसुंधरा का एक्यूआई 448 रहा। वसुंधरा सेक्टर-16 में यूपीपीसीबी का क्षेत्रीय कार्यालय भी है। यहां प्रदूषण बोर्ड के अधिकारी बैठते हैं। इसके बाद भी यहां का एक्यूआई सबसे अधिक है।
सभी क्षेत्रों का एक्यूआई 400 पार, गंभीर श्रेणी में

जिले में चार स्थानों इंदिरापुरम, वसुंधरा, लोनी व संजय नगर में प्रदूषण मापक यंत्र लगाए गए हैं। इन सभी क्षेत्रों की हवा गंभीर श्रेणी में बनी हुई है। इनमें से वसुंधरा की हवा सबसे खराब रही। यहां का एक्यूआई 458 दर्ज किया गया। इंदिरापुरम व लोनी का एक्यूआई 434 दर्ज की गई। सबसे कम संजय नगर का 422 रहा। यानी किसी भी क्षेत्र के लोगों को प्रदूषण से राहत नहीं है।
जिले में इन कारणों से बढ़ रहा प्रदूषण का स्तर

[*]जगह-जगह जलाया जा रहा कूड़ा।
[*]सड़क टूटने से उड़ रही धूल।
[*]अवैध फैक्ट्रियों का हो रहा संचालन।
[*]कई रोक के बाद भी चल रहा निर्माण कार्य।
[*]पुराने वाहनों का हो रहा संचालन।





सभी विभागों के साथ समन्वय कर प्रदूषण रोकथाम के लिए लगातार कार्रवाई की जा रही है। प्रदूषण फैलाने वालीं व ग्रेप के नियमों का उल्लंघन करने वालीं फैक्ट्रियों को सील किया जा रहा है।



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-अंकित सिंह, क्षेत्रीय अधिकारी, यूपीपीसीबी
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