LHC0088 Publish time 2025-11-19 12:37:17

मां अगले वर्ष तक बहन का रिश्ता पक्का कर लेंगे... खस्ताहाल सड़क ने ली ऑटोमोबाइल कंपनी के इंजीनियर की जान

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विलाप करते स्वजन।



संवाद सूत्र, जागरण लोधा। मां अगले वर्ष तक बहन का रिश्ता पक्का कर लेंगे। अभी मैं वापस जा रहा हूं। जल्द ही छुट्टी लेकर आउंगा...। यह कहकर आदेश ड्यूटी करने के लिए मंगलवार को बल्लभगढ़ के लिए रवाना हो गए थे। मगर, घर वालों को क्या पता था जो वापस आने की कह गया, वह अब कभी नहीं आएगा। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें


चचिया ससुर के देहांत पर घर आए थे, दोबारा छुट्टी लेकर आने की बात कहकर जा रहे थे


जवां शिकंदरपुर के निवासी बौनी उर्फ आदेश सिंह दो भाइयों में छोटे थे। घर में उनकी मां शशि देवी, पिता भीकम सिंह, बहन स्वेता व पत्नी शिवानी और एक बेटा दक्ष है। वह बल्लभगढ़ में एक आटोमोबाइल कंपनी में इंजीनियर पद पर कार्य कर रहे थे। एटा जिले के मारहरा में उनकी ससुराल है। चचिया ससुर का देहांत होने की सूचना पर वह बीते शुक्रवार को बल्लभगढ़ से आए थे। गमी में शामिल होने के बाद मंगलवार को वापस हो रहे थे।


बहन की शादी अगले साल करने की बात करते थे



भाई तरुण ने बताया कि उनकी इकलौती बहन की शादी को लेकर बात चल रही है। रिश्ते देख रहे हैं। आदेश की इच्छा थी कि अगले वर्ष तक बहन का रिश्ता कर अच्छी शादी करेंगे। इसके लिए वह घर में बात भी करता था। बहन के लिए अच्छा रिश्ता मिले, इसके लिए वह रिश्ते के लिए संपर्क में आने वाले हर परिवार के बारे में गहनता से विचार करते थे। प्राइवेट नौकरी में ज्यादा छुट्टी नहीं मिल पाती। इसलिए अभी वह वापस जा रहे थे। लेकिन, उसने कहा था कि जल्द ही छुट्टी लेकर आएगा। मगर, उसके दुनिया से जाने की खबर ने पूरे परिवार को शोकाकुल कर दिया है।



बीते एक माह में तीन को निगल चुकी हैं ये सड़क, कई हो चुके हैं घायल



अलीगढ़-पलवल मार्ग पर चालकों की लापरवाही के साथ-साथ खस्ताहाल सड़क और तेज रफ्तार बीते एक माह में तीन की जिंदगी निगल चुकी है। जबकि कई हादसे का शिकार होकर गंभीर घायल हो चुके हैं। इसके बावजूद जिम्मेदार इसको लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाते हैं। खेरेश्वर चौराहे से लोधा तक करीब आठ किलोमीटर की इस दूरी में सड़क का निर्माण और मार्ग पर गड्ढे हैं, लेकिन कहीं भी सावधान करते सांकेतिक बोर्ड नहीं लगे हैं। इन हादसों की वजह जिम्मेदारों की यह लापरवाही भी बतायी जा रही है।



अलीगढ़-पलवल हाईवे पर कई जगह गड्ढे होने से पूर्व में कई बार हो चुके हैं हादसे


इसी मार्ग पर निर्माण कार्य की वजह से वन-वे होने और खराब सड़क की वजह से बीती बीती 18 अक्टूबर को करसुआ के पास एएमयू के छात्र हफीज उर्रहमान की बाइकों की भिड़ंत में मृत्यु हो गई थी। उसके बाद भी जिम्मेदार नहीं जागे। फिर इसी मार्ग पर ट्रांसपोर्ट नगर के पास बीती 21 अक्टूबर को बाइक से जा रहे देहलीगेट के नगला महताब निवासी किशन चालक की लापरवाही से ट्रैक्टर-ट्राली की चपेट में आ गए। इसमें उनकी मृत्यु हो गई।

बीते आठ नवंबर की सुबह बाइक व जुगाड़ में आमने सामने टक्कर हो गई। इसमें करसुआ निवासी महीपाल सिंह की मृत्यु हो गई। वहीं एक घायल हो गया। उसके बाद बीते गुरुवार को ल्होसरा में दो बाइकों की भिड़ंत हुई। इसमें कर्मयोगी राजेंद्र घायल हो गए। वहीं बीते शुक्रवार को अटलपुर निवासी कैलाश लोधा के पास जा रहे थे। इस सड़क पर कैंटर की चपेट में आकर घायल हो गए।

यहां से गुजरना है खतरनाक



इस मार्ग पर सड़क का बुरा हाल है। खेरेश्वर से लोधा तक जाने वाले मार्ग पर छोटे छोटे गड्ढे हैं। मुख्य चौराहा खेरेश्वर पर वर्षों से बना गड्ढा कई बार खाना पूर्ति कर भरवाया गया। इसकी वजह से कुछ ही दिनों बाद फिर गड्ढे नजर आने लगते हैं। हरिदासपुर कट पर सड़क पूरी तरह से उखड़कर गड्ढा हो गया है। लोधा बार्डर गैस प्लांट करसुआ से शहर को आने वाले मार्ग पर सिर्फ एक ही साइड चालू है। दूसरी साइड पर चौड़ी करण का कार्य चल रहा है। यह सिंगल रोड शहर की तरफ आ रहा है। वह टूट चुका है, वन-वे व सड़क खराब होने से अक्सर हादसे होते हैं।




रोजाना हादसे होते हैं। सड़क खराब है। वनवे के चलते खतरा बढ़ जाता है। एक साइड खोदाई करने से पूर्व दूसरी तरफ के सड़क को ठीक कराना चाहिए था। गोपाल सिंह, जिरोली डोर


वन-वे करने के साथ-साथ सावधान करने के लिए सांकेतिक बोर्ड होने चाहिए। इससे चालक पहले से ही खतरे को समझ सके और सावधानी से मार्ग पर वाहन चलाए। बिजेंद्र सिंह, लोधा
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