आगरा में हादसों को रोकने को उठाया कदम, कमिश्नरेट में बनाए गए 16 क्रिटिकल कारीडोर
/file/upload/2025/11/4475652665297861695.webpसांकेतिक तस्वीर।
जागरण संवाददाता, आगरा। सड़क हादसों को कम करने के लिए कमिश्नरेट में क्रिटिकल कारीडोर योजना लागू की गई है। जिसके तहत ब्लैक स्पाट को चिन्हित करके 16 क्रिटिकल कारीडोर बनाए गए हैं। प्रत्येक कारीडोर के लिए विशेष क्रिटिकल कारीडोर टीम बनाई गई है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
जिसमें एक उप निरीक्षक, मुख्य आरक्षी व आरक्षी समेत चार पुलिसकर्मी होंगे। यह टीम क्रिटिकल कारीडोर में हाेने वाले हादसों के रोकने पर काम करेगी। साथ ही हादसों के कारण की रिपोर्ट भी तैयार करेगी, जिससे कि दुर्घटनाओं को कम करने के लिए प्रभावी योजना बना उस पर अमल किया जा सके।
जागरूकता अभियानों के बावजूद हादसों पर पूरी तरह से ब्रेक नहीं लग रहा है। इस वर्ष जनवरी से अक्टूबर के दौरान जिले में 1200 से अधिक हादसे हुए। जिनमें 600 से अधिक लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी। डेढ हजार से अधिक लोग घायल हुए।
राष्ट्रीय राजमार्ग, यमुना एवं लखनऊ एक्सप्रेसवे के अलावा देहात क्षेत्र में भी बड़ी संख्या में हादसे हुए। सड़क हादसों को कम करने के लिए पिछले दिनों मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यातायात माह में सभी जिलों के अधिकारियों को योजना बना उस पर अमल करने को कहा है।
जिसके बाद कमिश्नरेट में सर्वाधिक हादसों वाले स्थानों काे चिन्हित किया गया। जिसमें पूर्वी जोन में तीन, पश्चिमी जोन में आठ एवं सिटी जाेन पांच ब्लैक स्पाट चिन्हित किए गए। जिन्हें क्रिटिकल कारीडोर का नाम दिया गया है।
डीसीपी यातायात सोनम कुमार ने बताया कि प्रत्येक कारीडोर के लिए एक उप निरीक्षक एवं चार पुलिसकर्मियों की टीम बनाकर तैनात की गई है। टीम हादसों को रोकने के लिए उनके कारणों का पता लगा उस पर काम करेगी।
साथ ही हादसों से संबंधित मुकदमों की विवेचना भी टीम द्वारा की जाएगी। क्रिटिकल कारीडोर का उद्देश्य हादसों को कम करके लोगों के जीवन को बचाना है।
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