लुधियाना में आवारा कुत्तों का आतंक, खेत में खेल रहे 12 वर्षीय बच्चे को नोचा; चाचा ने ऊपर लेटकर बचाया
/file/upload/2025/11/983150710862215942.webpखेत में खेल रहे 12 वर्षीय बच्चे को कुत्तों ने नोचा, गंभीर घायल।
संवाद सूत्र, मुल्लांपुर दाखा। थाना दाखा के अंतर्गत पड़ते गांव हसनपुर में खेतों में पिता के पास खेल रहे एक 12 वर्षीय बच्चे पर आवारा कुत्तों के झुंड ने हमला कर दिया। हमले में बच्चे की पीठ और गर्दन के पास गंभीर जख्म हुए हैं। बच्चे का डीएमसी अस्पताल में इलाज चल रहा है। बच्चे की पहचान 12 वर्षीय अवीजोत सिंह के रूप में हुई है। बच्चे के पिता प्रितपाल सिंह ने बताया कि उनका घर पमाल लिंक रोड पर है और पास ही उनके खेत हैं। सोमवार शाम साढ़े चार बजे के करीब वे खेत में पत्ते काटने गए थे और बेटा अवीजोत भी उनके साथ था। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
पास के खेत में ही उनका भाई काली गेहूं की बुआई कर रहा था। इस दौरान खेतों के पास बैठे 7–8 आवारा कुत्तों में से दो कुत्ते अचानक अवीजोत पर टूट पड़े। बच्चे को नीचे गिरता देख उसका चाचा काली तुरंत दौड़ा और उसके ऊपर लेटकर उसे बचाने की कोशिश की। शोर सुनकर में भी मौके पर पहुंचा और जोर से चिल्लाकर कुत्तों को वहां से भगाया। गंभीर रूप से घायल अवीजोत को तुरंत डीएमसी अस्पताल ले जाया गया, जहां उसका इलाज चल रहा है।
घटना के बाद गांववासियों ने रोष जताते हुए कहा कि प्रशासन को तुरंत आवारा कुत्तों पर नियंत्रण के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए। घटना के बाद डीएसपी वरिंदर सिंह खोसा, एसएचओ हमराज सिंह चीमा और पशु-चिकित्सा अधिकारी पुरुषोत्तम सिंह मुल्लांपुर पहुंचे। अधिकारियों ने परिवार को आश्वासन दिया कि कुत्तों के से निपटने के लिए जल्द प्रभावी कदम उठाए जाएंगे।
कार्रवाई न हुई तो संघर्ष होगा: जगरूप हसनपुर
भारतीय किसान यूनियन के राज्य प्रधान जगरूप सिंह हसनपुर ने कहा कि गांवों में आवारा कुत्तों का आतंक दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है। यदि प्रशासन ने इस गंभीर समस्या का स्थायी समाधान नहीं निकाला, तो हम अन्य किसान संगठनों के साथ मिलकर बड़ा और तेज संघर्ष शुरू करेंगे।
अन्य गांवों में भी फैल रहा भय
ग्रामीणों के अनुसार न केवल हसनपुर बल्कि पमाल, गुज्जरवाल, गहौर सहित कई आसपास के गांवों में भी आवारा कुत्तों ने आतंक मचा रखा है। 7–8 कुत्तों का झुंड अक्सर अकेले राहगीरों और खेतों में काम कर रहे किसानों पर हमला कर देता है। मानवता सेवा भवन के पास भी कुत्तों ने दो सूअरों को मार डाला था।
पहले भी हो चुकी हैं जानलेवा घटनाएं
गौरतलब है कि इसी वर्ष पांच जनवरी को भी आवारा कुत्तों ने गांव हसनपुर में एक प्रवासी मजदूर के बच्चे को काटा था, जिसमें बच्चे की मौत हो गई थी। इसके मात्र पांच दिन बाद एक और बच्चे को भी कुत्तों ने हमला कर मौत के घाट उतार दिया था। इसके अलावा पमाल गांव के एक डेयरी फार्म में भी कुत्तों ने हमला कर कई पशुओं को मार दिया था।
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