LHC0088 Publish time 2025-11-18 07:35:54

अवैध खनन पर समय से रिपोर्ट ना जमा कराने पर सोनभद्र DM पर लगा 10 हजार का जुर्माना

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जागरण संवाददाता, सोनभद्र। राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने अवैध खनन पर समय से रिपोर्ट जमा न करने पर जिलाधिकारी बीएन सिंह पर दस हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। जिलाधिकारी को कोर्ट में 23 जून को रिपोर्ट जमा करनी थी। एनजीटी कोर्ट ने 13 नवंबर को यह जुर्माना लगाया है। एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव और विशेषज्ञ सदस्य ए. सेंथिल वेल की पीठ ने कहा कि ट्रिब्यूनल ने अप्रैल में एक संयुक्त समिति का गठन किया था। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

इसमें नोडल एजेंसी के रूप में जिला मजिस्ट्रेट और पर्यावरण मंत्रालय के लखनऊ क्षेत्रीय कार्यालय, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) और उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीपीसीबी) के प्रतिनिधि शामिल थे। निर्देश दिया गया था कि गठित समिति को घटनास्थल का दौरा करने, अवैध खनन की सीमा का पता लगाने और मध्यधारा खनन के आरोपों की सत्यता की भी पुष्टि करना था।
क्या दिए थे निर्देश?

इसके अतिरिक्त पीठ ने निर्देश दिए थे कि समिति को आवश्यक पर्यावरणीय मंजूरियों की स्थिति का पता लगाकर 23 जून तक रिपोर्ट दें। निर्धारित समय के बाद भी रिपोर्ट न मिलने पर पीठ ने रिपोर्ट प्रस्तुत करने की तिथि चार सप्ताह के लिए बढ़ा दिया। इसके अलावा 30 जून को दो महीने से अधिक की देरी के बाद संयुक्त निरीक्षण करने के लिए जिला मजिस्ट्रेट से स्पष्टीकरण भी मांगा गया।

न्यायाधिकरण ने जिला मजिस्ट्रेट के अधिवक्ता द्वारा 13 नवंबर की सुबह रिपोर्ट प्रस्तुत करने के बारे में दिए गए तर्कों पर ध्यान दिया। पीठ ने कहा कि जिलाधिकारी द्वारा बार-बार आदेश का पालन न करना गंभीर मामला है। इसलिए डीएम पर 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है। जुर्माना राशि को एक सप्ताह के अंदर एनजीटी बार एसोसिएशन के पास जमा करना होगा। वहीं बिल्ली मारकुंडी खदान हादसे के बाद आदेश को तरह-तरह की चर्चाएं हो रहीं हैं।
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