Jharkhand बिजली उत्पादन और बिक्री में हो गया खेला, हाई कोर्ट ने कंपनियों से मांगा जवाब
/file/upload/2025/11/6070249822204636001.webpझारखंड हाई कोर्ट में बिजली उत्पादन और बिक्री के दौरान इलेक्ट्रिसिटी एक्ट का उल्लंघन कर राज्य सरकार को 500 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाने के आरोप वाली जनहित याचिका पर सुनवाई हुई।
राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड हाई कोर्ट में बिजली उत्पादन और बिक्री के दौरान इलेक्ट्रिसिटी एक्ट का उल्लंघन कर राज्य सरकार को लगभग 500 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाने के आरोप वाली जनहित याचिका पर सोमवार को सुनवाई हुई।
सुनवाई के बाद अदालत ने कंपनियों को जवाब दाखिल करने का अंतिम मौका दिया है। इस मामले पर सुनवाई मंगलवार को भी होगी। इस संबंध में एनर्जी वाच ने जनहित याचिका दायर की है। प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता विपुल पोद्दार ने पक्ष रखते हुए अदालत को बताया कि मेसर्स अमलगम स्टील्स एंड पावर लिमिटेड और मेसर्स अमलगम स्टील्स प्राइवेट लिमिटेड आपस में सिस्टर कंपनियां हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
दोनों राज्य में बिजली उत्पादन और बिक्री का कार्य कर रही हैं। दोनों कंपनियों पर आरोप है कि उन्होंने इलेक्ट्रिसिटी एक्ट के नियमों की अनदेखी करते हुए आपस में ही बिजली की खरीद-बिक्री की है, जिससे राज्य सरकार को भारी आर्थिक नुकसान हुआ है।
प्रार्थी ने बताया कि इस अवैध लेनदेन से राज्य सरकार को करीब 500 करोड़ रुपये का वित्तीय घाटा हुआ है। मामले में झारखंड सरकार और झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड (जेबीवीएनएल) को भी प्रतिवादी बनाया गया है।
पूर्व में अदालत के आदेश के आलोक में जेबीवीएनएल के महाप्रबंधक की ओर से दाखिल जवाब में कहा गया है कि कंपनियों की इस गड़बड़ी से लगभग 300 करोड़ रुपये का नुकसान सामने आया है। कंपनियों की ओर से याचिका की वैधता पर सवाल उठाते हुए इसे खारिज करने का आग्रह किया गया।
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